मेडिकल कॉलेज में छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग:ट्रेनर ने कहा- मुश्किल समय में पेन, दुपट्टा, मोबाइल और पेंसिल को बना सकते हैं हथियार

Uncategorized

पश्चिम बंगाल में ट्रेनी महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आज (29 अगस्त) को विदिशा डिस्ट्रिक्ट कराटे डेवलपमेंट एसोसिएशन द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में छात्राओं, महिला डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। विश्वामित्र अवॉर्ड से सम्मानित, नेशनल कराटे टीम के हेड कोच जयदेव शर्मा, मप्र प्रेसिडेंट अमेच्योर कराटे एसोसिएशन बृज गोपाल सिंह, ब्लेक बेल्ट और सीनियर सेल्फ डिफेंस ट्रेनर ललीता राठौर और महेन्द्र पासी नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट ने आत्मरक्षा के गुरु सिखाए। सेल्फ ट्रेनिंग सेशन में छात्राएं , महिला नर्सिंग स्टाफ और महिला चिकित्सक बड़े उत्साह के साथ शामिल हुई और उन्होंने सेल्फ डिफेंस के बारे में समझा और उनका प्रयोग भी किया। इस दौरान बताया गया कि जो महिलाएं आत्मरक्षा प्रशिक्षण लेती हैं। वे शारीरिक और मानसिक कौशल से बेहतर तरीके से सुसज्जित होती हैं। जो उन्हें हमलावर से खुद का बचाव करने में सक्षम बनाती हैं। उन महिलाओं की तुलना में जिन्होंने प्रशिक्षण नहीं लिया है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण महिलाओं में आत्मविश्वास और आत्म-दक्षता बढ़ाता है और पीड़ित होने की संभावना कम करता है। आज के दौर में पढ़ाई के साथ फिजिकल फिटनेस भी होना चाहिए। सभी को फिजिकल फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए। आत्म रक्षा प्रशिक्षण के दौरान ट्रेनर्स ने बताया कि किसी भी विषम परिस्थिति में फंसने पर अपने पास मौजूद चीजों को हम कैसे हथियार के रूप में उपयोग कर सकते हैं। ट्रेनर्स ने छोटी-छोटी तकनीक के माध्यम से लड़कियों को मुसीबत से निकलने की ट्रिक्स बताई। मेडिकल कॉलेज की डीन डॉक्टर मनीष निगम ने बताया कि बंगाल की घटना हुई है उसके बाद से महिलाओं की सुरक्षा चिंता का विषय बन गईं है। अभी यह घटना बंगाल की है। कभी यह मध्य प्रदेश में भी हो सकती है। हम छात्राओं नर्सिंग स्टाफ और महिला चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए जो कर सकते हैं। वह हम कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में हुई घटना के बाद छात्रों और नर्सिंग स्टाफ के परिजन डरे हुए हैं। सुरक्षा व्यवस्था तो हमने चाक चौबंद करवाई है। इसके साथ हम यह भी चाह रहे थे कि हमारे यहां महिला चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और छात्राएं हैं उन सबको एक सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाए। छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई विदिशा में कराटे एसोसिएशन है उन्होंने आज बच्चों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी है स्टेज पर अलग-अलग सेल्फ डिफेंस की टेक्निक्स बताई है। विषम परिस्थितियों में कैसे निपटा जाए वह सेल्स टेक्निक्स बच्चों को बताए हैं। इस सेल्फ ट्रेनिंग सेशन से बच्चों में कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा और वह किसी भी परिस्थिति से निपटने में तैयार रहेगी। बच्चों से फीडबैक लेने के बाद हम इस तरह की सेल्फ ट्रेनिंग प्रशिक्षण लगातार आयोजित करवाते रहेंगे। विश्व मित्र अवार्ड नेशनल कराटे एसोसिएशन के हेड कोच जयदेव शर्मा ने बताया कि आज के माहौल को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में सेल्फ डिफेंस सेशन आयोजित किया। इसमें हमने कोशिश की है कि बिना हथियार के किसी भी विपरीत परिस्थितियों में अपने आप को सुरक्षित रखते हुए उससे कैसे निपटा जाए। क्योंकि सभी लोग मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट नहीं होते है हर समय कोई भी अपने पास हथियार नहीं रख सकता। ऐसी स्थिति में मन का धैर्य बहुत जरूरी होता है। ऐसी स्थिति में आप अपने हाथों पैरों अपने शरीर के अंगों को हथियार के रूप में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। आपके पास मौजूद पेन, दुपट्टा, मोबाइल, पेंसिल कोई भी सामान उसको आप कैसे हथियार बना सकते हैं। अपने आप को बचा सकते हो। सेल्फ अवेयरनेस प्रोग्राम में बच्चियों को यह बताया गया है कि तीन चीज होती है बिफोर, ड्यूरिंग और ऑफ्टर। किसी भी मुसीबत को अवॉइड किया जाए। कैसे विषम परिस्थितियों से बचा जाए। उनको प्रैक्टिकल करके बताया कि अगर कोई स्थिति में वह फंसती है तो उससे कैसे निपट जाए। एमबीबीएस की छात्रा सुनीता ने बताया कि आज हमें सेल्फ डिफेंस की बारे में बहुत अच्छा बताया गया। सबसे पहले हमें बताया गया कि किसी भी परिस्थिति में हमें डरना नहीं है कॉन्फिडेंस होना चाहिए। छात्रा आंचल स्वामी ने बताया कि हमें किसी भी परिस्थिति में घबराना नहीं है। आत्मविश्वास के साथ उस खतरे का सामना करना हैं। हमें छोटे-छोटे मूव्स बताए गए हैं। जिनका उपयोग करके हम आसानी से उस खतरे से निपट सकते हैं। छात्रा रूपाली वर्मा ने बताया कि हमें बताया गया की छोटी-छोटी चीजे पेन, चाबी को कैसे हथियार बना सकते हैं और अपना बचाव कर सकते हैं कैसे भी परिस्थिति में हमें घबराना नहीं है , आत्मविश्वास के साथ उसका सामने करना है यह ट्रेनिंग हमारी जिंदगी में बहुत उपयोगी है। एमबीबीएस की छात्रा सुहानी ने बताया कि आज सेल्फ ट्रेनिंग सेशन में हमें बताया गया की पढ़ाई के साथ हमें यह सब चीज सीखना चाहिए। हमें पता है कि आज सेफ्टी नहीं है हमें खुद की सेफ्टी रखना पड़ेगी। मार्शल आर्ट, कराटे की बेसिक जनरल मूवमेंट भी हमें बताएं हैं ,अगर हम थोड़ा सा भी इनको सीखते हैं, तो हमारे जीवन में काफी उपयोगी है। अगर किसी मुसीबत में फंस भी गई तो इस वर्कशॉप से मुझे पता है कि मुझे क्या करना है क्या नहीं करना है।पढ़ाई के साथ थोड़ी बहुत सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग आना चाहिए ।अगर किसी भी परिस्थिति में फंस गए हैं तो सबसे पहले हमारा मन शांत होना चाहिए, हमारे अंदर कॉन्फिडेंट होना चाहिए हम आसानी से उस मुसीबत का सामना कर सकते है । मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र पटेल ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमारे महाविद्यालय के द्वारा निरंतर प्रयास किया जाता है इसी कड़ी में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण आयोजित कराया है , छात्राओं ने उसे समझा और सीखने की कोशिश की। हमें लगता है इस तरह की ट्रेनिंग को हम आगे भी कराने की कोशिश करेंगे। हमारे कॉलेज डीन डॉक्टर मनीष निगम का इन क्षेत्रों में बहुत ध्यान है , उनकी कोशिश है कि ऐसी गतिविधि होती रहे।