श्रावण-भादौ में निकाली जाने वाली महाकालेश्वर की सवारियों के क्रम में भादौ की दूसरी और शाही सवारी 2 सितंबर को निकाली जाएगी। सवारी के संचालन और श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक दर्शन लाभ मिले। इस संबंध में बुधवार को कलेक्टर नीरजकुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा की उपस्थिति में बैठक रखी गई। बैठक में सोमवती अमावस्या और शाही सवारी एक ही दिन होने से भीड़ प्रबंधन और सवारी के निर्धारित समय पर मंदिर पहुंचने पर चर्चा की गई। शाही सवारी में डिंडोरी और अनूपपुर का जनजातीय समूह सहभागिता करेगा। पहली सवारी से यह क्रम जारी है। एएसपी नीतेश भार्गव ने कहा कि शाही सवारी में 70 भजन मंडलियां शामिल होंगी। उन्हें सवारी के दिन दोपहर 12 से 1 बजे तक कोट मोहल्ला से प्रवेश दिया जाएगा। दोपहर 1 बजे के बाद किसी भी मंडली को सवारी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रत्येक मंडली में 50 लोग सम्मिलित हो सकेंगे। मंडलियों को मंदिर समिति की ओर से पास दिए जाएंगे। भगवान महाकालेश्वर की प्रतिमा के स्वरूप का पूजन करने के बाद पालकी में प्रतिमा को आरूढ़ कर शाम 4 बजे कहारों द्वारा पालकी को उठाकर मंदिर से बाहर की ओर प्रस्थान कराया जाएगा। सवारी मंदिर से निकलकर परंपरागत मार्ग से शाम 5 बजे शिप्रा तट पहुंचेगी, जहां महाकालेश्वर का पूजन, अर्चन किया जाएगा। इसके बाद परंपरागत मार्ग से रात 10 बजे के पुनः महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। प्रमुख शाही सवारी महाकाल मंदिर से शुरू होकर महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी से होते हुए शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां पूजन के बाद रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहे से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीगेट, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए पुनः महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। सवारी में अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा। इस तरह सवारी मार्ग 7 किमी रहेगा।