सालभर से जर्जर गड्ढों के फोरलेन से सफर कर रहे मालथौन से तीतरपानी क्षेत्र के लोगों का आवागमन जल्द ही सुलभ होगा। अप्रैल 2024 से एनएच-44 का काम संभालने वाली मुंबई की आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड कंपनी को सड़क के गड्ढों को भरने की सुध आई है। एनएचएआई ने कंपनी को 20 साल के लिए सड़क के रखरखाव और टोल का ठेका दिया है। मालथौन से तीतरपानी के बीच 140 किलोमीटर मंे ही तीन टोल हैं, जिनसे हर दिन की टोल वसूली का औसत 84 लाख रुपए है। कंपनी ने ठेका संभालने के बाद यह वसूली तो शुरू कर दी लेकिन गड्ढों में बदल रही सड़क पर ध्यान नहीं दिया। दैनिक भास्कर ने 28 अगस्त के अंक मंे मालथौन से तीतरपानी तक 140 किलोमीटर में 2163 गड्ढे, हर गाड़ी से वसूल रहे 390 रुपए टोल, शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इसके बाद एनएचआई के जिम्मेदार और टोल वसूल रही कंपनी जागी और सड़क पर पैबंद लगाने का काम शुरू किया। मार्ग को तत्काल करें दुरुस्त: कमिश्नर संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को अधिकारियों, एनएचएआई के प्रबंधक तकनीकी अनुपम कुरेले, सीनियर जनरल मैनेजर आईआरबी टोल-वे सिंह एवं इंसीडेन्ट मैनेजर आईआरबी टोल-वे डीएन तिरोरी के साथ बैठक कर सुधार कार्यों की समीक्षा की। उन्हांेने निर्देश दिए कि इस मार्ग को तत्काल दुरुस्त किया जाए। एनएच के अधिकारियों ने बताया कि 8 टीमें विशेष तौर पर राजमार्ग के सुधारीकरण, अनुरक्षण के लिए लगाई गई हैं। सड़क के सुधार के लिए नियमित रूप से कार्य किया जाएगा। 10 दिन के भीतर गड्ढों को चिन्हित कर उन्हें भरने की योजना तैयार की जा रही है।