इंदौर के राऊ में एक युवक की किडनैपिंग के बाद हत्या का मामला सामने आया है। आरोपियों ने साढ़े चार लाख रुपए के लेनदेन में दोस्त की हत्या कर दी। उसके शव को बड़वानी के नजदीक राजपुरा के जंगल में शव गाढ़ दिया था। पुलिस परिवार और तीन आरोपियों को लेकर मौके पर पहुंच गई है। शव की पहचान होने के बाद आरोपियों पर केस दर्ज किया जाएगा। एक आरोपी अभी फरार है। घटना 23 अगस्त की है। राऊ पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम गजानंद परिहार निवासी सिलिकॉन सिटी सामने आया है। 23 अगस्त को उसकी राऊ थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इस मामले में गजानंद का दोस्त और मुख्य आरोपी आशीष पंवार सहित उसके दो साथी धीरज और राहुल को पुलिस ने पकड़ लिया है। जबकि चौथा आरोपी अजित अभी भी फरार है। सूत्रों के मुताबिक तीन दोस्तों आशीष पंवार, राहुल और धीरज ने गजानंद को कार में बैठाया और पातालपानी ले गए। उसे जानबूझकर ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठाया ताकि पीछे से गला घोंट सके। कार आशीष चला रहा था। जबकि पीछे राहुल और धीरज बैठे थे। तीनों ने कार को पातालपानी इलाके में रोका और सीट के पीछे बैठकर रस्सी से गला दबा दिया। उसकी मौत होने के बाद पातालपानी के जंगल में ही शव को गाढ़ने का प्लान बनाया। लेकिन आशीष ने कहा कि यहां से पुलिस शव को ढूंढ लेगी। उसने तत्काल अपने दोस्त अजित को फोन लगाया। वह बड़वानी के नजदीक राजपुरा में रहता है। अजित ने तीनों को वहीं बुला लिया। कहा कि यहां के जंगल से शव नहीं मिल सकेगा। इसके बाद तीनों उसका शव लेकर राजपुरा चले गए। यहां जंगल में खुदाई की और गजानंद का शव वहीं गाढ़ दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए ट्रेन में फेंक दिया चालू मोबाइल हत्या करने के बाद जब वे राजपुरा की ओर बढ़े तभी रास्ते में गजानंद के मोबाइल पर कॉल आया। जिसे किसी ने रिसीव नहीं किया। इस पर तीनों को लगा कि मोबाइल से पकड़े जाएंगे। तो उन्होंने महू से नागदा जाने वाली चलती ट्रेन में गजानंद का मोबाइल फेंक दिया। और वे राजपुरा की ओर निकल गए। गजानंद के मोबाइल की बैटरी उज्जैन जाते-जाते खत्म हो गई और मोबाइल बंद हो गया। इसके चलते पुलिस को गजानंद की आखिरी लोकेशन उज्जैन में मिल रही थी। हालांकि शुक्रवार 23 अगस्त के पहले जब आशीष और उसके साथी गजानंद को साथ लेकर गए तो वह कार में इंदौर महू टोल पार करते हुए दिखे। मेडिक्लेम पॉलिसी से शुरू हुआ था विवाद पत्नी संदल ने बताया कि उसने गजानंद से 2019 में लव मैरिज की थी। ससुराल वाले खुश नहीं थे, इसलिए दोनों निहालपुरा मुंडी में रहने लगे। गजानंद ने सिलिकॉन सिटी में चाय की दुकान खोली थी। पास में आशीष पंवार का कैफे भी था, इसलिए दोस्ती हो गई। संदल के इलाज के लिए गजानंद ने आशीष से 32 हजार रुपए लिए थे। लिखा पढ़ी में गजानंद ने अपनी दुकान और बाइक गिरवी रखी थी। गजानंद ने यह भी भरोसा दिलाया था कि उसकी तीन साल पुरानी 4.5 लाख रुपए पॉलिसी है, उससे भी पैसा मिलेगा। इस पैसे से वह आशीष की उधारी चुका देगा। आशीष उसी में से पैसे मांग रहा था। हालांकि सूत्रों का दावा है कि गजानंद ने आशीष को पैसे लौटा दिए थे। बड़वानी में मिला युवक का शव, पुलिस बोली- कपड़े गजानंद जैसे, पहचान के बाद केस दर्ज करेंगे बड़वानी की राजपुर पुलिस ने बताया कि उन्हें सड़क से थोड़ा अंदर एक शव मिला जो सड़ चुका है। पीएम बाद उसे अस्पताल में रखवाया है। इंदौर पुलिस की सूचना पर उन्हें शव के फोटो भेजे। इंदौर पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। शव की शिनाख्ती के लिए परिवार और आरोपियों को भी साथ ले गई है।