करचुल डैम की मेढ़ से मिट्टी कटी:गांव में भरने लगा था पानी, 52 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, आधी रात को पहुंचे कलेक्टर

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जैतपुर के करचुल गांव में डैम के मेढ़ की मिट्टी का कटाव हो चुका है। जिस कारण पानी रिहायशी क्षेत्र में भरने लगा था। जिसके बाद आधी रात करचुल गांव के 52 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। ग्रामीणों ने मेढ़ में कटाव की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी तो सबसे पहले नुकसान का जायजा लेने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को भेजा गया। काफी मशक्कत के बाद भी कटाव नहीं रुका तो रात में एहतियातन ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। 24 साल पहले बना था डैम जानकारी के अनुसार यह डैम 24 साल पहले बना था। 0.6 मिलियन घनमीटर क्षमता वाले करचुल डैम का निर्माण वर्ष 2000 में डब्लूआरडी विभाग की ओर से किया गया था। इसकी क्षमता 0.6 मिलियन घनमीटर है और सिंचाई क्षमता 65 हेक्टेयर है। ग्रामीणों का आरोप है कि सिंचाई विभाग ने इसका रख रखाव सही तरीके से नहीं किया है। गांव में दहशत का माहौल इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। लगातार कुछ दिनों से हुई तेज बारिश से डैम का जलस्तर बढ़ता जा रहा था, जिसके बाद बुधवार रात मेढ़ की मिट्टी का कटाव हो गया। जिससे पानी गांव की ओर बहने लगा लेकिन समय रहते ही लोगों ने पुलिस व प्रशासन को मामले की जानकारी दे दी। मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस टीम पहुंची है। अलग-अलग वाहनों से ग्रामीणों को तीन किलोमीटर दूर भठिया स्थित सामुदायिक भवन में रुकने की व्यवस्था की गई है। बल तैनात, आवाजाही रोकी गई जैतपुर थाना प्रभारी रामकुमार गायकवाड़ ने बताया कि समय पर जानकारी लग गई थी। पुलिस और राजस्व के अधिकारी मौके पर पहुंचे अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया, जिसके बाद सुरक्षित स्थान में लोगों को पहुंचा दिया गया है। मेढ़ की मिट्टी का कटाव होने से पानी गांव की ओर भर रहा है। पुलिस बल की तैनाती की गई है। आवाजाही में रोक लगा दी गई है। सभी को सुरक्षित रखा गया है कलेक्टर डॉक्टर केदार सिंह ने बताया कि डैम की मेढ़ की मिट्टी का कटाव हो गया है, जिससे गांव की ओर पानी तेजी के साथ भरने लगा तभी मामले की जानकारी सही समय पर स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस को दी थी। मौके पर टीम पहुंची और जायजा लिया गया जिससे यह समझ में आ गया कि कटाव को रोका नहीं जा सकता है। डैम में काफी पानी है कोई बड़ी दुर्घटना ना हो जिसको लेकर गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान में पहुंचाया गया है।