एमपी में ताक पर सूचना का अधिकार:5 माह से खाली सूचना आयोग,समय सीमा में नहीं हो रहा है समाधान,हाईकोर्ट में सुनवाई कल

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सूचना का अधिकार इसके जरिए व्यक्ति अपनी समस्या और निराकरण की जानकारी ले सकता है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए बाकायदा अधिकारियों को नियुक्त किया है। आयुक्त की नियुक्ति भी की है, पर मध्यप्रदेश में सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रावधान ताक पर हैं। वो इसीलिए क्योंकि आरटीआई अपीलों के निराकरण 2 माह में करने का प्रावधान है। प्रदेश में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के पद, 5 माह से खाली हैं.. ऐसे में राज्य सूचना आयोग में आरटीआई अपीलों पर सुनवाई ठप्प पड़ी है.. इनमें जनहित से जुड़े कई मामले हैं जिन पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.. मसलन जबलपुर के अस्पताल अग्निकांड में 8 लोगों की मौत के मामले में संबंधित अस्पताल को क्लीन चिट देने की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत नहीं दी गई थी। इसके खिलाफ राज्य सूचना आयोग में अपील दायर की गई थी लेकिन सुनवाई ना होने से ये जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पाई… इसके खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है… इसमें राज्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति की मांग की गई है… जबलपुर हाईकोर्ट में इस याचिका पर जल्द सुनवाई हो सकती है…