पेशाब कांड के बाद सीधी फिर चर्चा में है। वजह है- पुलिस पर बेवजह आदिवासी युवक को पीटने का आरोप। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा है। सीधी एसपी रविंद्र वर्मा ने जांच के आदेश दे दिए हैं। एक सब इंस्पेक्टर को लाइन अटैच किया गया है। युवक का आरोप है, ‘पुलिस वालों ने मुझे थाने में लेटाकर पीटा। वे मेरे घुटनों पर चढ़ गए और पाइप से मारा। मैंने पूछा कि मेरी गलती बताइए। बोले कि महिला से बदतमीजी की है। मैंने फिर कहा कि जिस महिला ने शिकायत की है, पहचान करवाइए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि, जिस महिला ने शिकायत की, उसने खुद थाने में कहा कि यह वो लड़का नहीं है। मुझे सुबह 8.30 से शाम 5 बजे तक थाने में रखा।’ मामला सीधी जिले के अमिलिया थाने के कोदौरा गांव का है। कन्हैया लाल वर्मा (कोल) ने 26 अगस्त को एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत की थी। कन्हैया ने दैनिक भास्कर से बातचीत की, पढ़िए उन्हीं की जुबानी… रविवार सुबह मैं घर में सो रहा था। पुलिस घुस आई और बिस्तर से मुझे खींचते हुए अपने साथ ले जाने लगी। नींद में कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं उनसे पूछता रहा कि मेरा गुनाह क्या है, ये तो बता दीजिए? पत्नी ने पुलिस के पैर पकड़कर मिन्नत की। लेकिन, उन्होंने एक नहीं सुनी। मुझे गाड़ी में बैठाया और थाने लेकर आ गए। थाने पहुंचकर भी मैंने उनसे पूछा कि मेरी गलती क्या है? बोले कि रानी वर्मा ने तुम्हारी शिकायत की है। मैंने कहा- साहब मैंने कुछ गलत नहीं किया। आप मामले की जांच कर लीजिए। आमने-सामने बैठा लीजिए। जांच में अगर मेरी गलती मिल जाए, तो जो सजा देनी हो, वो दे देना। मेरी बात सुनते ही एसआई ऋषि द्विवेदी ने मुझे गाली दी। इसके बाद वे पाइप उठाकर ले आए। काफी देर तक मुझे पाइप से पीटते रहे। मैं दर्द से कराहता रहा। जोर-जोर से चिल्लाता रहा। उनसे कहा कि साहब, बहुत दर्द हो रहा है, मुझे छोड़ दीजिए। थोड़ी देर बाद मुझे पूछताछ केंद्र के पीछे वाले कमरे में ले गए। दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया। यहां दो पुलिसकर्मियों ने मेरे कपड़े उतार कर एक कौने में फेंक दिए। मुझे पूरी तरह से निर्वस्त्र कर दिया। मेरे हाथ ऊपर करवाए और फिर मुझे पीटा। वे मेरी कमर के नीचे लगातार पाइप से मारते रहे। एसआई ने निर्वस्त्र हालत में ही गाली देते हुए मुझे जमीन पर उल्टा लेटने को कहा। मेरे मना करने पर उन्होंने पैर में मारना शुरू कर दिया। मजबूरन मुझे उल्टा लेटना पड़ा। मैं पिटते-पिटते बेहोश सा हो गया। जब होश आया तो महसूस हुआ कि कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया है। मुझसे बैठते भी नहीं बन रहा था। पत्नी बोली- उनसे उठते-बैठते भी नहीं बन रहा कन्हैया की पत्नी सुनीता का कहना है, ‘उस दिन मैं घर का काम कर रही थी। पुलिसवाले घुस आए। पूछा- कन्हैया लाल कौन है? उसके खिलाफ महिला ने शिकायत की है, थाने ले जाना है। मैंने कहा कि मेरे पति हैं, वो इन सब चीजों से दूर रहते हैं। आज तक कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं किया। मुझे भी थाने ले चलो। इस पर कहा कि तुम दूसरी गाड़ी से आ जाओ। मैं भी थाने जाकर बैठ गई। बहुत विनती करने पर शाम 5 बजे पति को छोड़ा।’ मां ने कहा- कभी बेटे को थप्पड़ तक नहीं मारा कन्हैया की मां कोइली वर्मा ने बताया, ‘बचपन से मैंने अपने बेटे को कभी थप्पड़ तक नहीं मारा। लेकिन, पुलिस वालों ने उसे बेरहमी से पीटा। बेटे ने घर आकर चोट के निशान दिखाए। उसकी हालत देखकर मैं रोने लगी। मुझे रोता देख वो भी रोने लगा। मैंने उससे कहा कि क्या कर सकते हैं। वे पुलिस वाले हैं। हम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर की मांग, आंदोलन की चेतावनी अखिल भारतीय कोल समाज के प्रदेश सचिव विवेक कोल ने कहा कि जिस बेदर्दी से पुलिस वालों ने आदिवासी भाई को पीटा है, उन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज होना चाहिए। अभी तक केवल लाइन अटैच किया गया है, निलंबित तक नहीं किया गया। अगर पुलिस जल्द नहीं जागी तो हम सभी आदिवासी भाई मिलकर आंदोलन करेंगे। एसपी बोले- जांच के लिए टीम गठित की है सीधी एसपी रविंद्र वर्मा के मुताबिक, पूरे मामले को गंभीरता से लिया गया है। पीड़ित से शिकायत मिलने के बाद एसआई को लाइन अटैच कर दिया गया। मामले की जांच की जा रही है। इसके लिए बाकायदा टीम गठित की गई है। आगे जो भी लापरवाही सामने आएगी, उस आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। घटना से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… पूर्व मंत्री पटेल के ट्वीट के बाद एसपी ने सब इंस्पेक्टर को किया लाइन अटैच घटना पर पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा था, ‘एमपी के सीधी जिले की अमिलिया पुलिस की बर्बरता। निर्दोष युवक को बिना अपराध के थाने में रखना और उसे पीटना, यह कहां का न्याय है? मुख्यमंत्री जी गरीब आदिवासियों को और कितना सताओगे?’ इसके बाद ही एसपी ने एसआई को लाइन अटैच कर दिया था।