राऊ स्थित सिलिकॉन सिटी के एक कैफे संचालक ने पैसों के लेनदेन में अपने तीन दोस्तों की मदद से निहालपुरा मुंडी निवासी दोस्त का अपहरण कर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। दृश्यम फिल्म की तरह गुमराह करने के लिए मृतक का मोबाइल इंटरसिटी ट्रेन में फेंक दिया जो उज्जैन के आगे मिला था। पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ा है, उन्होंने हत्या करना कबूल लिया। उधर, बड़वानी जिले में राजपुर पुलिस ने बोरे में मिले एक शव का पीएम करवाया। कपड़ों के आधार पर शव इसी युवक का लग रहा है। पुलिस का कहना है, जांच चल रही है। शव की पक्की पहचान होने पर केस दर्ज किया जाएगा। राऊ पुलिस ने 24 अगस्त को संदल सोलंकी की रिपोर्ट पर उनके पति गजानंद परिहार (25) की गुमशुदगी दर्ज की थी। इसके अगले दिन गजानंद का मोबाइल उज्जैन के आगे ट्रेन में मिला था। पत्नी संदल की शंका पर पुलिस ने कैफे संचालक आशीष पंवार और उसके दो साथियों को पकड़ा है, एक फरार है। सूत्रों के अनुसार आशीष ने कबूला कि गजानंद उससे 4 लाख 50 हजार रुपए मांग रहा था। उसने गजानंद को मिलने बुलाया फिर दोस्तों के साथ कार में लेकर निकला। रास्ते में गजानंद को गला घोंटकर मार डाला। शव बोरे में भरकर बड़वानी जिले की चिंदी घाटी में फेंक दिया। बुधवार देर शाम आरोपियों को लेकर पुलिस राजपुर निकली है। सिलिकॉन सिटी का मामला : उज्जैन में मिली थी फोन की लोकेशन सड़ चुका है शव, पीएम करवाया-उधर, राजपुर पुलिस ने बताया कि उन्हें सड़क से थोड़ा अंदर एक शव मिला जो सड़ चुका है। पीएम बाद उसे अस्पताल में रखवाया है। इंदौर पुलिस की सूचना पर उन्हें शव के फोटो भेजे। प्रारंभिक तौर पर शव गजानंद का बताया है। हालांकि, परिजन द्वारा पहचानने के बाद ही स्थिति साफ होगी। आरोपी से मेडिक्लेम के 4.5 लाख रुपए मांग रहा था गजानंद पत्नी संदल ने बताया कि उसने गजानंद से 2019 में प्रेम विवाह किया था। ससुराल वाले खुश नहीं थे, इसलिए निहालपुरा मुंडी में रहने लगे। गजानंद ने सिलिकॉन सिटी में चाय-पान की दुकान खोली थी। पास में आशीष का कैफे भी था, इसलिए दोस्ती हो गई। संदल को कोई ऑपरेशन करवाना था तो आशीष ने कहा था कि वह तीन साल पुरानी मेडिक्लेम पॉलिसी है। इससे उन्हें तुरंत क्लेम मिल जाएगा। इसके लिए आशीष ने 32 हजार रु. लिए थे। आशीष ने गजानंद की दुकान और बाइक का सौदा किया था, लेकिन खरीदी नहीं थी। बाद में आशीष ने 32 हजार लौटा दिए थे। फिर बोला था तुम्हारी पॉलिसी हो चुकी है, तुम्हे 4.5 लाख रुपए दिलवा दूंगा तो ऑपरेशन करवा लेना। गजानंद वही राशि मांग रहा था। इधर, अफसरों का कहना है, अभी आरोपियों और परिजन के बयानों पर जांच चल रही है। शव की पक्की पहचान होने पर ही केस दर्ज करेंगे।