करीब सात वर्ष पहले उज्जैन लोकायुक्त के शिकंजे में आए रिश्वत मांगने वाले सहकारिता निरीक्षक को उप पंजीयक सहकारी संस्था भरतपुरी कार्यालय से 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। मंगलवार को विशेष न्यायाधीश ( भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) उज्जैन द्वारा मामले में फैसला सुनाते हुए अपराध क्रमांक 44/2017 में आरोपी राजीव लोचन नागर सहकारिता निरीक्षक को चार चार वर्ष की सजा सुनाई है। सजा सुनने के बाद आरोपी को भैरवगढ़ जेल भेज दिया गया है। दिनांक 10.03.2017 को मध्यभारत रोड़वेज कर्मचारी साख सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन में काम करने वाले संतोष राव कदम ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी आर.एल. नागर सहकारिता निरीक्षक उससे 10,000 रूपये की रिश्वत की मांग की है। मामले में लोकायुक्त ने कार्यवाई करते हुए आरोपी आर.एल. नागर सहकारिता निरीक्षक, उज्जैन को 5,000/- रूपये की रिश्वत लेते हुए दिनांक 11.03.2017 को रंगे हाथों पकड़ा गया था। अपराध प्रमाणित पाए जाने पर लोकायुक्त संगठन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन द्वारा आरोपी को दोष सिद्ध कर भैरूगढ़ जेल भेज दिया गया।