जन्माष्टमी के पावन अवसर पर दूसरे दिन रियासतकालीन दिंडी यात्रा सीनियर राजबाड़े से शाम के समय निकली। यात्रा में संत सिरोमणी सद्गुरू रावतपुरा सरकार भी सम्मिलित हुए। यात्रा का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया। उल्लेखनीय है कि रियासत काल से शहर में दिंडी यात्रा निकाली जाती है। यात्रा का यह 118 वां वर्ष है। राजपरिवार द्वारा भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव सीनियर राजवाडे में उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसकी तैयारी एक सप्ताह पहले ही शुरु हो जाती है। जन्माष्टमी के बाद सांय काल में दिंडी यात्रा निकाली जाती है, यात्रा के पहले मटकी फोड़ का आयोजन भी किया गया। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों का हाल जानने के लिए पालकी में सवार होकर शहर में निकलते है। यात्रा में परम्परागत भजन मंडली पारम्परिक वेश भूषा में भगवान का संकीर्तन करते हुए निकलती है। यात्रा में विक्रमसिंह पवार तथा राजपरिवार के अन्य सदस्य पालकी के साथ पैदल चलते है। भगवान श्रीकृष्ण की पालकी यात्रा का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते है।