पांढुर्णा तहसील के बोरपानी गांव में मंगलवार की देर रात को ग्रामीणों में उस समय अफरा-तफरी मच गई। जब एक एक करके लोगों की उल्टी-दस्त से सबकी सेहत बिगड़ने लगी। देर रात 2 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक सिविल अस्पताल में मरीजों को लाने का सिलसिला जारी रहा। बीएमओ डॉ. दीपेंद्र सलामे के अनुसार इस उल्टी दस्त के प्रकोप से बोरपानी गांव के देवाची उईके 45 साल और झनका बाई पति बाबू धुर्वे की मौत हुई है। वहीं पांढुर्णा सिविल अस्पताल में 18 मरीजों को भर्ती किया है। जिनका इलाज लगातार जारी है। हालांकि पीएचई विभाग और स्वास्थ विभाग की टीम गांव पहुंचकर लोगों को देख रही है। ग्रामीण छोटेलाल धुर्वे के अनुसार ग्रामीण नदी के बाजू के एक ट्यूबवेल से पानी पीते है। इस ट्यूबवेल से कुछ दिनों से मट मैला पानी आ रहा। जिसे गांव की जनता पी रही है। संभवत इसी ट्यूबवेल के दूषित पानी पीने से ग्रामीणों को उल्टी दस्त हुई है। वहीं ग्रामीण पवन शाह मर्सकोले के अनुसार मंगलवार देर रात को हर घर में लोग उल्टी-दस्त से बीमार होते गए, जिससे सभी घबरा गए। इन मरीजों को किया है भर्ती उल्टी दस्त से अक्षत पिता सुखदेव इवनाती, शांति संदीप धुर्वे, रोहित विजय धुर्वे, रमफू सीताराम धुर्वे, अमीना रमफू, मनीषा वसंता परतेती, मनोज सुखा उईके, विवेक जागत राम धुर्वे, छोटेलाल मेरे सिंह धुर्वे, कलावती छोटेलाल धुर्वे, वेदांत रजत उईके, रागिनी अलीराम मर्सकोले, रुचिना रमेश उईके, सायली मेंहबाब धुर्वे, पूजा उईके सहित अन्य लोग शामिल है। वहीं बीएमओ का कहना है कि 18 लोग अस्पताल में भर्ती है। इसके अलावा गांव में स्वास्थ शिविर लगाकर मरीजों का इलाज कर रहे है।