ओरछा थाना क्षेत्र के एक गांव में नहर में नहाने गए बच्चे की डूबने से मौत हो गई है। घटना मंगलवार की है, आज बुधवार दोपहर बॉडी का पोस्टमार्टम किया गया। बच्चा स्कूल में बैग रखकर नहर में नहाने चला गया था ऐसे में परिजनों ने शिक्षकों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। बच्चे के माता-पिता दिल्ली में मजदूरी का काम करते हैं। बच्चा अपने दादा के पास रहता था। जानकारी के अनुसार महिपाल (9) के माता-पिता एक माह पहले मजदूरी करने के लिए दिल्ली गए थे। बच्चे को पढ़ने के लिए उसके दादा बच्चीलाल के पास गांव में छोड़ कर गए थे। बच्चा गांव के स्कूल प्राथमिक पाठशाला हतना में कक्षा 4 में पढ़ता था। मंगलवार की सुबह 11 बजे बच्चा पढ़ने के लिए स्कूल गया था लेकिन दोपहर 12 बजे वो अपने चार अन्य दोस्तों के साथ स्कूल में बैग रखकर स्कूल के पास से निकली नहर में नहाने के लिए चला गया। हर रोज बच्चे लंच के समय अपने घर जाया करते थे। जब बच्चा घर नहीं पहुंचा तो उसके दादा ने उसकी जानकारी ली। तभी चार बच्चे कपड़े लेकर उसके घर पहुंचे और उसके दादा को महिपाल की नहर में डूबने की जानकारी दी। इसके बाद उसका दादा गांव की एक अन्य व्यक्ति के साथ नहर पर पहुंचे और बच्चे को नहर से बाहर निकाला। जिसे परिजन आनन फानन में उसे इलाज के लिए ई रिक्शा से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन देरी होने के कारण ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्चे के दादा ने बताया कि बच्चा सुबह पढ़ने के लिए स्कूल गया था, लेकिन दोपहर में जब बच्चा घर नहीं आया। तो मैंने नहर में तलाश की जहां वह डूबा हुआ मिला। उन्होंने शिक्षकों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल से बच्चा 1 घंटे से लापता था। उसका बैग स्कूल में रखा था फिर भी शिक्षकों ने बच्चों की कहीं तलाश नहीं की। जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहां की यही कहीं होगा। मामले में डीपीसी अधिकारी अरुण शंकर पांडे ने बताया कि में कल छतरपुर से बाहर था इस मामले में मुझे जानकारी मिली है। इस मामले में बच्चों की गलती है। बच्चों को नहर में नहाने नहीं जाना चाहिए था।