ऑटो रिक्शा पलटने से दबने के कारण जान गंवाने वाले 11वीं के छात्र हर्षित ने घटना के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। पूरा रिक्शा उसके सीने पर पलट गया था। लोगों ने रिक्शा उठाया और उसे निकाला तब भी वह बात कर रहा था। उसने ही प्रत्यक्षदर्शियों को पिता संजय का नंबर दिया और कहा उन्हें बुला दो…लेकिन वे आते उसके पहले वह दम तोड़ चुका था। हर्षित के चाचा सतीश ने बताया कि वह कुछ समय पहले तक साइकिल से ही स्कूल जाता था, लेकिन बारिश, कीचड़ ड्रेस पर उड़ने के कारण उसने पिता को समस्या बताई थी। पिता ने क्षेत्र में ही रिक्शा चलाने वाले चंपालाल को उसे लाने-ले जाने के लिए 9 अगस्त को लगवाया था। उसके साथ इलाके के और भी बच्चे जाते-आते थे। उन्हें क्या पता था कि ऑटो रिक्शा चालक उनके इकलौते बेटे को छीन लेगा। घायल हर्षित ने पापा का नंबर दिया, बुलाने का कहा, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी
बेटे की मौत की खबर मिलते ही पिता बदहवास हो गए। चाचा सतीश सितोले ने बताया कि बालक हर्षित घर का इकलौता लड़का था। परिवार में उससे बड़ी बहन जाह्नवी है, जो हिमाचल प्रदेश में आईआईएम में एडमिशन के लिए गई है। उसे हादसे का पता चला तो वह इंदौर लौट रही है। हर्षित की मां एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं। वहीं पिता सिविल कॉन्ट्रेक्टर हैं। दूसरी बहन खुशी भी इकलौते भाई के जाने से सदमे में है। घटना से कॉलोनी में भी शोक का माहौल है। हादसे के बाद हर्षित के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए एमवाय अस्पताल में रखा है।