सिटी बस का किराया बढ़ाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी गई है। इस याचिका पर एकाध दिन में सुनवाई हो सकती है। एआईसीटीएसएल की बोर्ड बैठक में दो दिन पहले इस विषय पर प्रस्ताव पारित किया गया था। सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इसमें कहा गया कि पहले से ही सिटी बस और आईबस में महंगा सफर शहरवासियों को कराया जा रहा है। कंपनी के गठन के वक्त किराए की जो दरें तय की गई थीं उससे अधिक पैसा प्रति किमी के मान से लिया जा रहा था। अब फिर बगैर नियमों का पालन किए किराया बढ़ाने की तैयारी है। पहले 4 किमी के 10 रु. ले रहे थे, अब बढ़ाकर 15 रु. कर दिया 4 किमी के सफर के 10 रुपए लिए जा रहे थे, जो पहले ही अधिक थे। अब इसे बढ़ाकर 15 रुपए किया जा रहा है जो और अधिक हो जाएगा। ऐसे लोग जो घर से दफ्तर या अन्य किसी स्थान पर केवल सिटी बस से ही जाते हैं। उन्हें 28 किमी का सफर करने पर 40 रुपए तक चुकाना होंगे। निजी वाहनों को हतोत्साहित करने के लिए लोक परिवहन की सेवाएं दी जाती हैं। लेकिन यह शहर में काफी महंगी हैं। उल्लेखनीय है कि बीआरटीएस के खिलाफ भी याचिका विचाराधीन है। एबी रोड पर जगह-जगह फ्लाई ओवर का निर्माण शुरू होने से बीआरटीएस का उद्देश्य खत्म होता जा रहा है। इस पर अंतिम सुनवाई होना बाकी है।