जिले के पटवारियों द्वारा सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय चंद घंटों में ही वापस ले लिया गया। सोमवार दोपहर में उन्होंने बैठक कर सामूहिक अवकाश पर जाने के निर्णय लिया था। इसके बाद प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा था। सोमवार रात हो उन्होंने अपना निर्णय वापस लेकर काम पर वापस लौटने की जानकारी दी। बता दें कि प्रदेश में 45 दिन का राजस्व महाभियान 2.0 चलाया जा रहा है। यह अभियान 18 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा। इसके तहत पांच काम किए जा रहे हैं। ई केवायसी, नक्शा तरमीम(नक्शा डिजिटल करना), बटांकन सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं। प्रशासन भी इसे एक टारगेट के रूप में लाकर काम कर रहा है। कलेक्टर खुद रोजाना इसकी समीक्षा कर रहे हैं। साथ ही तहसीलों में पहुंचकर भी इसकी समीक्षा की जा रही है। जिले के पटवारियों ने सोमवार को एक बैठक की। इसमें उन्होंने बताया कि महाभियान के टारगेट को पूरा करने के लिए अधिकारियों द्वारा लगातार दवाब बनाया जा रहा है। हर पटवारी को रोज 50 नक्शा तरमीम करने का टारगेट दिया जा रहा है। टारगेट पूरा न होने पर कार्यवाई की जा रही है। कई पटवारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इतनी जल्दबाजी में सब कराया जा रहा है। बिना मौके पर जाए नक्शा तरमीम करने कहा जा रहा है। बारिश के मौसम में अभी खेतों में फसल खड़ी हुई है। ऐसे में किस तरह से पटवारी नक्शे तरमीम कर पाएगा। अगर जल्दबाजी में कोई गलती हो जाती है, तो उसका जिम्मेवार भी पटवारी को ही माना जायेगा। आम तौर पर एक नक्शा तरमीम करने में दो से तीन घंटे लगते हैं। पटवारी को मौके पर जाना पड़ता है। लेकिन महाभियान के दौरान एक पटवारी को रोज 50 नक्शे तरमीम करने का टारगेट दिया जा रहा है। पटवारियों ने बताया कि इसी तरह का टारगेट ई केवायसी करने को लेकर है। कई किसानों के आधार मोबाइल से लिंक नहीं हैं। कुछ के आधार कार्ड में दूसरों के नंबर एड हैं। ऐसे में एक एक किसान को कॉल कर पूछना पड़ रहा है। फोन पर ही OTP लेकर किसान की ई केवायसी करने को कहा जा रहा है। कई बार सर्वर भी नहीं चलता, जिस वजह से OTP ही नहीं जाता। ऐसे में भी टारगेट पूरा करने का दवाब अधिकारियों द्वारा डाला जा रहा है। पटवारियों का कहना था कि अधिकारियों के इतने प्रेशर में पटवारी काम कर रहे हैं। सुबह 8 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक काम कर रहे हैं। उसके बाद भी अधिकारी दवाब डाल रहे हैं। पटवारी न अपने परिवार को समय दे पा रहे हैं और न ही कोई दूसरा काम कर पा रहे हैं। इतने प्रेशर में काम करने के बाद भी अगर टारगेट पूरा नहीं होता तो पटवारी पर ही कार्यवाई की जा रही है। प्रशासन को सौंपा ज्ञापन बैठक के बाद जिले के पटवारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि सोमवार को बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जिले के पटवारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। अगले तीन दिन वह कोई काम नहीं करेंगे। अगर प्रशासन उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लेता है, तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। मंगलवार से सामूहिक अवकाश शुरू होगा। देर रात निर्णय लिया वापस सोमवार देर रात पटवारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय वापस ले लिया। जिलाध्यक्ष केजी मीना ने बताया कि गुना कलेक्टर डॉ सत्येंद्र सिंह से दूरभाष पर प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन दिवसीय आकस्मिक अवकाश की घोषणा समाप्त की जाती है। कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर गुना द्वारा सभी निलंबित पटवारियों को बहाल कर दिया गया है एवं किसी प्रकार का अनावश्यक दवाब नहीं दिया जाकर क्षमता अनुरूप कार्य की स्वतंत्रता का आश्वासन दिया गया है।