सागर नगर निगम के सम्मेलन में हंगामा:महिला पार्षद और निगम अध्यक्ष के बीच हुई नोकझोंक, कांग्रेस पार्षदों ने किया सम्मेलन का बहिष्कार

Uncategorized

सागर नगर निगम का साधारण सम्मेलन मंगलवार को आयोजित किया गया। जिसमें विधायक शैलेंद्र जैन और सागर सांसद डॉ. लता वानखेड़े शामिल हुईं। सम्मेलन की शुरुआत ही गहमागहमी के साथ हुई। साहूकार लाइसेंस के मुद्दे को लेकर चल रही चर्चा के दौरान निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने भाजपा महिला पार्षद रेखा नरेश यादव को बैठने का बोल दिया।कहा- आप दो साल बाद बोल रही हैं। यह बात सुन महिला पार्षद भड़क गईं। जिसके बाद पार्षद और निगम अध्यक्ष के बीच जमकर नोकझोंक और गहमागहमी हुई। मामला जैसे-तैसे शांत हुआ। सम्मेलन की कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया। इसी बीच निगम अध्यक्ष ने कार्रवाई के दौरान मातृ शक्ति शब्द बोला तो महिला पार्षद ने कहा आपके मुंह से मातृ शक्ति शब्द बोलना उचित नहीं लगता है। इसके बाद फिर बहस शुरू हुई। दोनों तरफ से नोकझोंक की स्थिति बनी। पार्षद ने कहा कि गुंडाराज मचा रखा है। महिलाओं को बोलने नहीं दिया जा रहा है। मातृ शक्ति को मजबूत नहीं होने दिया जा रहा है। विधायक शैलेंद्र जैन ने स्थितियों को देखते हुए पार्षद और निगम अध्यक्ष को शांत कराया। इस दौरान पार्षद रेखा यादव ने कहा कि ये मुझसे सॉरी बोलेंगे, मैं इन्हें छोड़ने वाली नहीं हूं। जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि मैं किस बात पर शॉरी बोलूंगा। हालांकि दूसरे पार्षद और विधायक के दखल के बाद मामला शांत हुआ। कार्रवाई आगे बढ़ाने की बात कही गई। कांग्रेस पार्षदों ने किया सम्मेलन का बहिष्कार तभी नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। कहा- पहले आप लोग आपस के मुद्दे सुलझा लो। फिर बात करेंगे। जिसके बाद कांग्रेस पार्षदों ने सम्मेलन के बहिष्कार की घोषणा कर दी, और सभाकक्ष से बाहर चले गए। कांग्रेस पार्षदों के बाहर जाने के बाद सम्मेलन की कार्रवाई दोबारा शुरू की गई। जिसमें पार्षदों ने अपने वार्डों की समस्याएं रखीं। साहूकार लाइसेंस की प्रक्रिया को लेकर आधे घंटे चर्चा विकास के मुद्दों के बीच साहूकार लाइसेंस की प्रक्रिया एफडी और राशि को लेकर जमकर बहस हुई। करीब आधे घंटे तक पार्षद और निगम के अधिकारियों के बीच चर्चा चली। जिसके बाद तय हुआ कि साहूकार लाइसेंस के लिए 5 लाख रुपए की एफडी और 5 हजार रुपए राशि जमा करना होगी। इसके अलावा सफाईकर्मियों को क्रमोन्नति वेतनमान देने, चंद्रशेखर वार्ड में चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति लगाने पर सहमति बनी। राजघाट चौराहे का नाम लवकुश चौराहा रखने और वहां पर भगवान लवकुश की प्रतिमा लगाने पर भी सहमति बनी। निगम मार्केट समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।