श्योपुर के टर्राकलां कस्बे की नदी में आदिवासी बस्तियों में रहने वाले ग्रामीण शॉर्टकट के चक्कर में जान का जोखिम उठा रहे हैं। ग्रामीण पुल से गुजरने की बजाए निर्माणाधीन रेलवे लाइन के पास टूटे पड़े पुरानी नैरो-गेज रेल के पुल के पास से नदी में पैदल चलकर नदी को पार कर रहे हैं। कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है ऐसे हालात में कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है क्योंकि, जिले में कभी भी झमाझम बारिश होने लगती है, इस वजह से कभी भी नदी उफान पर पहुंच जाती हैं। इसके अलावा पैर फिसलने या नदी के बहाव में बह जाने का खतरा भी रहता है। फिर भी ग्रामीण लापरवाह बने हुए हैं। इनका क्या कहना है रघुनाथपुर थाना प्रभारी जय रघुवंशी का कहना है कि, हमें आपके द्वारा इस बारे में अवगत कराया गया है, अगर ऐसा है तो हम इसे दिखवाएंगे।