भारतीय किसान संघ का कृषि अनुसंधान के नाम ज्ञापन:किसान हित की आड़ में संदिग्ध समझौतों पर जताई नाराजगी

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भारतीय किसान संघ की जिला इकाई के पदाधिकारियों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद महानिदेशक के नाम एक ज्ञापन प्रबंधक सीपी पचौरी को सौंपा है। जिसमें देश विरोधी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग रखी गई है। ज्ञापन में किसान संघ ने बताया कि अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक उड़ीसा, भुवनेश्वर में हुई। जिसमें लिए गए प्रस्ताव के अनुसार केंद्र सरकार के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किसान हित के आड़ में कई देसी, विदेशी कंपनियों के साथ ऐसे समझौते किए जा रहे हैं। जिसमें हमारे आईसीएआर के वैज्ञानिक अपनी प्रतिभा, योग्यता व कौशल को ताक में रखते हुए इन्हीं शोध पत्रों को स्वीकृति दे रहे हैं, जबकि हमारे देश का वैज्ञानिक वर्षों से शोध कार्य करते हुए खेती को आगे बढ़ा रहा है वह सक्षम है, उनकी प्रतिभा व योग्यता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। भारत का किसान आईसीएआर के ऊपर विश्वास और भरोसा करता था। यह भरोसा आईसीएआर क्यों तोड़ना चाहता है ऐसे कई प्रश्न किसानों के मन में है? भारत सरकार से आग्रह है कि आईसीएआर व संबंधित शोध केंद्रों को पर्याप्त वित्तीय प्रावधान करें तथा बजट में उल्लेखित निजी कंपनियों को शोध के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, उनको भी शासकीय शोध संस्थानों को उपलब्ध कराए। आईसीएआर द्वारा लिए गए संदिग्ध समझोतों को निरस्त करें। किसान संघ ने इस विषय में विस्तृत जांच की जाकर इसमें लिप्त देश विरोधी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए व्यापक बहस के बिना भविष्य में ऐसा समझौता करना बंद करने की मांग रखी गई है। वहीं केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक शोध संस्थानों के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान करवाने के विषय पर भी ध्यान आकर्षित करवाया गया है। ज्ञापन सौंपते समय किसान संघ के राजेंद्र शर्मा, महेश ठाकुर, अमोल पाटीदार सहित अन्‍य पदाधिकारी मौजूद रहे।