पावरलूम बुनकर संघ ने मंगलवार को कलेक्टर भव्या मित्तल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। जिसमें पावरलूम बुनकरों ने अपनी मजदूरी की रकम बढ़ाने की मांग की। बुनकरों ने बताया कि अगर मजदूरी नहीं बढ़ाया गया तो अगले एक हफ्ते के अंदर एक आम बैठक कर ‘करो या मरो’ का नारा देकर बुरहानपुर के पावरलूम अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिए जाएंगे। पावरलूम बंद करने की चेतावनी दी पावरलूम बुनकर संघ के अध्यक्ष रियाज अहमद अंसारी ने कहा कि बुनकरों को पूरी मजदूरी नहीं मिल रही है। इसे लेकर अब बुनकर आंदोलन का मन बना चुके हैं। टेक्सटाइल्स उद्योग संचालक कम मजदूरी दे रहे हैं। अगर एक हफ्ते के अंदर मजदूरी बढ़कर नहीं मिली तो बुनकर पावरलूम बंद कर आंदोलन करेंगे। शहर में करीब 50 हजार से ज्यादा पावरलूम चल रहे हैं। जिससे करीब 1.50 लाख से ज्यादा बुनकर जुड़े हुए है। बुनकरों को 25.25 रूपए से भी कम मजदूरी दी जा रही है। उन्हें 21, 22, 23, 24 रूपए प्रति पिक प्रति मीटर के हिसाब से मजदूरी दी जा रही है। साथ ही साथ टीएल के नाम पर 100 मीटर से अधिक कपड़ा बुनाकर लिया जा रहा है। 106, 108, 110 और 150 मीटर की जगह 162, 165, 168 का टांका बुनवाया जा रहा है। जबकि 100 और 150 मीटर की मजदूरी दी जा रही है। कोण की घाटी के नाम पर बुनकरों से पैसे काटे जा रहे हैं। हर हफ्ते मिलने वाली पगार 4 हफ्ते, 6 हफ्ते, 8 हफ्ते या 10 हफ्ते में दी जा रही है। हफ्ते में 2 या 3 दिन लूम चल रहे हैं। अधिकतर पावरलूम बंद पड़े हैं। बुनकर अपना जीवन यापन करने के लिए अपने पावरलूमों को तोड़कर कबाड़े में बेच रहे है। शहर में लगभग 40 प्रतिशत से अधिक लूम बंद हैं। जिसके कारण बुनकर अपना बिजली बिल का भुगतान भी नहीं कर पा रहा है। बिजली बिल नहीं भर पा रहे विद्युत मंडल बिल पर पेनाल्टी पर पेनाल्टी लगा कर दे रही है। 3 महीने से सुरक्षा निधि का पैसा भी जोड़कर बिल में वसूला जा रहा है। पावरलूम बुनकर संघ ने इससे पहले 14 अप्रैल 2024 को अनिश्चितकाल के पावरलूम बंद किया था। तब कलेक्टर ने एक्शन में आकर लेबर कमिश्नर के बीच मध्यस्थता से पावरलूम बुनकर संघ और टेक्सटाइल के बीच बैठक कराई थी। लेबर कमिश्नर मेघा भट्ट ने तय किया था कि बुनकरों को तयशुदा मजदूरी के तहत 25.25 रूपए देना होगा। इसके बावजूद भी टेक्सटाइल संचालक कम मजदूरी दे रहे हैं। इससे बुनकरों में आक्रोश है। बिल नहीं चुकाने पर बिजली कंपनी लाइन काट दे रही है। मीटर उखाड़कर ले जाए जाती है।