​​​​​​​दो शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार:दमोह के माधव पटेल और मंदसौर की सुनीता गौड़ शिक्षक दिवस पर होंगी सम्मानित

Uncategorized

नई दिल्ली में मंगलवार शाम को अलग-अलग राज्यों के 50 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। इसमें मप्र के मंदसौर और दमोह जिले के दो टीचरों का नाम भी शामिल है। दमोह के शासकीय माध्यमिक स्कूल लिधौरा के माधव पटेल और मंदसौर के शासकीय हाईस्कूल खजूरिया सारंग की सुनीता गोधा शामिल हैं। इन्हें 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। माधव पटेल को मिल चुका है मप्र शिक्षक सम्मान दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक में आने वाले लिधौरा स्कूल के शिक्षक माधव पटेल को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। माधव पटेल को 2020 में मध्य प्रदेश शिक्षक सम्मान भी मिल चुका है। उन्हें राष्ट्रपति सम्मान पुरस्कार कैसे मिला इसके बारे में माधव पटेल ने बताया कि उन्होंने सरकारी वेबसाइट पर राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए आवेदन किया था। जिले भर से तीन-तीन शिक्षकों के नाम की सूची मध्य प्रदेश के 55 जिलों से प्रदेश मुख्यालय पर पहुंची थी। वहां से कुल 6 शिक्षकों का चयन हुआ था। जिनकी सूची दिल्ली भेजी गई थी। दिल्ली से चयन समिति के अधिकारियों ने उनसे पूछा कि उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार क्यों मिलना चाहिए। उन्होंने ऐसा क्या किया है? इस पर माधव पटेल ने बताया कि उन्होंने अपने स्कूल में छात्रों की उपस्थिति बहुत कम थी इसके लिए उन्होंने लगातार प्रयास किया। अभिभावकों से बात की और बच्चों को प्रेरित किया। स्कूल में अभिभावकों को किया सम्मानित स्थानीय भाषा का उपयोग किया ताकि बच्चों को पढ़ाई में हर चीज समझ में आए। इसके साथ ही स्कूल में सबसे अधिक उपस्थित रहने वाले छात्र के माता-पिता को स्कूल बुलाकर सम्मानित किया। जिससे स्कूल के दूसरे बच्चों में भी स्कूल आने की लालच पैदा हो गई और अभिभावकों ने भी अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू कर दिया। यह क्रम हमारे स्कूल में अभी भी जारी है। जो बच्चा सबसे अधिक स्कूल में पहुंचता है। उसके माता-पिता को सम्मानित किया जाता है। उसे प्रेयर करने की सुविधा दी जाती है। सभी बच्चे यह चाहते हैं कि वह प्रेयर कराएं। इस वजह से सभी बच्चे नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं। मंदसौर की सुनीता गौड़ा का भी हुआ चयन डॉ. सुनीता गोधा खजुरिया सारंग के उच्च माध्यमिक शिक्षा हाई स्कूल में पदस्थ है। शिक्षक जीवन के 26 वर्षों में छात्र छत्राओं के उत्थान के कई कार्य किए। वर्ष 2018 में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 5 सितंबर शिक्षक दिवस के मौके पर सम्मानित किया था। इसके साथ ही वर्ष 2019, 2020 और 2021 में भी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की मप्र की पैनल में उपलब्धि रही। डॉ. गोधा ने बताया कि गांव के स्कूल में आने वाली अधिकांश छात्राएं बीपीएल परिवार और किसान मजदूर वर्ग से आती है। ऐसे में उन्हें परिजन शाला छोड़ने का दबाव बनाते हैं। शिक्षिका ने छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया और 11 छात्राओं को 12वीं तक शिक्षित होने की प्रेरणा दी। इसके साथी छात्रों के अभिभावकों से कन्या विवाह को रोकना और पढ़ाई के लिए प्रेरित करने का कार्य किया। वहीं छात्राओं से सेल्फ एंप्लॉयमेंट छोटी-छोटी नौकरियों जैसे एएनएम शिक्षिका आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा उषा कार्यकर्ता के लिए लोगों को प्रेरित किया। स्कूल की बोर्ड परीक्षा में इनके द्वारा पढ़ाए गए सभी छात्र-छात्राओं को श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम रहा। वही खेल को में भी छात्र राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक चयनित हुए। मध्य प्रदेश में आनंद विभाग की मास्टर ट्रेनर्स और सहयोगी के रूप में कार्य किया। इस दौरान विद्यालय के कक्षाओं में आनंदम वातावरण तनाव मुक्त माहौल में पढ़ाई और परीक्षा के लिए अभिनव प्रयास किया। विद्यार्थियों को सृजनात्मक विकास कर नैतिक मूल्य विकसित करते हुए राष्ट्रीय एकीकरण में सहयोग की भूमिका निभाई।