जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, के जयकारों के साथ जैसे ही भगवान श्री कृष्ण की झांकी के पट खुले चारों तरफ एक साथ रोशनी शुरू कर दी गई। भगवान के पट के दोनों तरफ फुलझड़ियां शुरू हो गई। यह नजारा था मुरैना के जीवाजी गंज स्थित श्री राम जानकी मंदिर का जहां पर जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालुओं यहां पर पहुंचे थे। मेला लगा हुआ था। शाम 8:00 बजे से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। धीरे-धीरे जन समुदाय ने एक मेले का रूप ले लिया। सभी मंदिर के भवन में पहुंच चुके थे। 12:00 बजने से पहले ही भगवान की मंगला आरती शुरू कर दी गयी। मंगला आरती के दौरान 12:00 बजाते ही चारों तरफ शंख की ध्वनि के साथ ही जैसे ही भगवान के पट खोले गए पूरे हाल में आतिशबाजी की फुलझड़ियां एक साथ जल उठी। इसके साथ ही भगवान के पट के दोनों तरफ फुलझड़ियां शुरू हो गई। श्रद्धालुओं है भजन कीर्तन शुरू कर दिया। श्रद्धालु भक्ति मय होकर नाचने गाने लगे। चारों तरफ भक्तिमय भजन शुरू हो गए और लोगों ने नाचना शुरू कर दिया। श्री बिहारी मंदिर में भक्तों का लगा तांता ऐसा ही कुछ नजारा मुरैना के बिहारी जी मंदिर में देखा गया। मंदिर में भक्तों का तांता लगा था। लगभग 500 मीटर दूरी तक लंबी लाइन लगी थी। श्रद्धालु अपने भगवान के दर्शन करने के लिए आते थे। जैसे ही रात के 12:00 बजे जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, के जयकारों के साथ भगवान बिहारी जी के पट खुले। पट खुलना के साथ ही श्रद्धालुओं ने भगवान पर पुष्प वर्षा शुरू कर दी। मंदिर प्रांगण भगवान के जय घोष से गूंज उठा। श्रद्धालु भक्तमय होकर नाचने गाने लगे। नाचने गाने का यह सिलसिला चलता रहा। मंदिर के पुजारी बार-बार पट को बंद कर रहे थे और बार-बार उसे खोल रहे थे। इसके साथ ही मंदिर के पुजारी ने श्रद्धालुओं को भगवान का प्रसाद बांटना शुरू कर दिया। भगवान के प्रसाद के लिए भक्त हाथ फैलाए दिखाई दिए। कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। श्रद्धालुओ को पंचामृत वितरित किया जीवाजी गंज स्थित राम जानकी मंदिर में जैसे ही कार्यक्रम समापन की ओर बढ़ा। वहां आने वाले श्रद्धालुओं को डिस्पोजल गिलास में पंचामृत वितरित किया गया। ——