मोहन यादव सरकार की अगली कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार की नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी मिल सकती है। केंद्र सरकार द्वारा इस स्कीम के ऐलान के बाद वित्त विभाग के अफसरों ने इसके प्रावधानों पर मंथन शुरू कर दिया है ताकि सीएम डॉ मोहन यादव की स्वीकृति मिलते ही इसे कैबिनेट में पेश कर चर्चा कराकर मंजूरी दिलाई जा सके। नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार ने चौबीस घंटे के भीतर इस स्कीम को लागू करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इसलिए भी एमपी में इसे जल्दी लागू करने पर चर्चा हो सकती है। उधर कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन स्कीम को ही ज्यादा बेहतर बता रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना ही लागू करे केंद्र सरकार उधर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि यूपीएस लागू होने से एनपीएस के नुकसान कम हुए हैं लेकिन खत्म नहीं हुए हैं। केंद्र सरकार ने एनपीएस में जो परेशानी थी उसे यूपीएस के माध्यम से कम किया है, उसका हम स्वागत करते हैं लेकिन केंद्र सरकार को 2005 से पहले लागू ओल्ड पेंशन स्कीम ही लागू करना चाहिए। जब केंद्र सरकार द्वारा 18.50% अपना योगदान दिया जाएगा और बहुत सारे लाभ जब यूपीएस में दिए जा रहे हैं तो सीधे-सीधे पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू कर देने से देश के कर्मचारियों की एक बड़ी मांग पूरी होगी। तिवारी ने कहा कि अब विभागों में तीन पेंशन स्कीम लागू रहेंगी जो ओल्ड पेंशन स्कीम, एनपीएस एवं यूपीएस हैं और कर्मचारियों के लिए बड़ा असमंजस रहेगा। केंद्र द्वारा लागू यूपीएस राज्य सरकारें किस रूप में लागू करेंगी, यह आने वाले समय में सामने आएगा। प्रधानमंत्री से मांग है कि पुरानी पेंशन स्कीम ही पूरे देश में लागू की जाए और यह मोदी की गारंटी होना चाहिए। पूरा देश का कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने पर केंद्र सरकार का आभारी रहेगा। उधर राज्य कर्मचारी संघ ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम चालू कराने चरणबद्ध आंदोलन का फैसला किया है। क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए लाई गई नई स्कीम है। मोदी कैबिनेट द्वारा इसे मंजूरी दी गई है जिसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवा की अवधि और अंतिम बेसिक वेतन के आधार पर स्थिर पेंशन दी जाएगी। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से ज्यादा और 25 साल से कम नौकरी की है, तो उसकी बेसिक पे भले ही कितनी कम हो, उसे पेंशन में कम से कम 10 हजार रुपए जरूर मिलेंगे। कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीने की बेसिक पे के औसत का 50% बतौर पेंशन दिया जाएगा। यानी अगर किसी कमर्चारी को उसकी नौकरी के आखिरी साल में 50 हजार रुपए बेसिक पे मिलती थी तो उसे रिटायरमेंट के बाद हर महीने 25 हजार रुपए पेंशन मिलेगी।