निपानिया स्थित इस्कॉन मंदिर पर मंगलवार को नंदोत्सव की धूम रही। इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद का जन्मोत्सव भी इस अवसर पर उनके पाद पूजन, अभिषेक एवं आरती के साथ मनाया गया। इस्कॉन के इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास ने छप्पन भोग का प्रसाद समर्पित करते हुए प्रभुपाद के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर रूस से आए इस्कॉन के संत आत्मानंद और आस्ट्रेलियाई से आई भक्त श्रुति एवं मुंबई से आए संत भक्ति करुणामया वनमाली ने प्रभुपाद के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। स्वामी महामनदास ने कहा कि विश्व के करीब 200 देशों में इस्कॉन के एक हजार से अधिक मंदिर बने हुए हैं। श्रील प्रभुपाद ने तत्कालीन समाज में व्याप्त हिप्पी विकृति को हैप्पी संस्कृति में बदलने का क्रांतिकारी काम किया है। 13 अगस्त 1965 को वे अपने गुरू भक्ति वेदांत सरस्वती के आदेश पर एक माल वाहक जहाज में यात्रा पर निकले और तब उनकी जेब में केवल 50 रुपए और दो संदूकें तथा कुछ पुस्तकें थी। एक सप्ताह बाद 20 अगस्त को उन्होंने अरब सागर में पहली बार माल वाहक जहाज पर ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। उसके बाद तो सारी दुनिया मे इस्कॉन का जादू चल निकला। हर तरफ इस्कॉन का डंका बजने लगा। आस्ट्रेलिया से आई श्रुति एवं रूस से आए संत आत्मानंद ने भी श्रील प्रभुपाद के प्रेरक प्रसंग सुनाए। श्रील प्रभुपाद की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक भी किया गया। सुबह से मंदिर पर नंदोत्सव की धूम रही। बड़ी संख्या में भक्तों ने आकर प्रसाद का पुण्य लाभ प्राप्त किया। समाजसेवी राजेश कस्तूरी, सिद्धार्थ अग्रवाल, जय काकवानी ने सभी व्यवस्थाएं संभाली। शुरू में इस्कॉन के मीडिया प्रभारी हरि अग्रवाल, व्यवस्थापक शैलेन्द्र मित्तल आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में इस्कॉन इंदौर के विशाल प्रभु, श्रीनिकेतन प्रभु, अच्युत गोपाल प्रभु, मृदुलकृष्ण प्रभु, अद्विधरण प्रभु एवं गिरधर गोपाल प्रभु ने भी अपने विचार रखे और भगवान राधा गोविंद को समर्पित संकीर्तन की मनोहारी प्रस्तुतियां दी। कल रात मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, संभागायुक्त दीपक सिंह, आबकारी विभाग के उपायुक्त मनीष खरे, पी.डी. अग्रवाल, समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, विष्णु बिंदल, विजय गोयल, विनोद सिंघानिया, अनिल भंडारी, मुरलीधर धामानी आदि ने भी मंदिर पहुंचकर जन्मोत्सव आरती एवं पूजा अर्चना में भाग लिया।