आर्मी जवान की हत्या के मामले में 6 आरोपियों को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। घटना के 7 साल बाद मामले में फैसला आया है। केस को चिन्हित प्रकरण की सूची में रखा गया था। पीड़ित परिवार को प्रतिकर दिलाए जाने के लिए कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनुशंसा की है। जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायालय विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 देवेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने थाना बाणगंगा के केस में फैसला सुनाया है। आरोपी दिलीप, हेमंत उर्फ कालु पिता रामचंद्र वर्मा, रोहित, मोहित, अर्जुन और विकास निवासी रामदत्त का भट्टा बाणगंगा को धारा 302/149 भादंवि में उम्र कैद और धारा 307/149 में 10-10 साल की सजा सुनाई है। 54000 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी आरती भदौरिया और विशेष लोक अभियोजक विशाल श्रीवास्तव ने की। ये है मामला दरअसल, थाना बाणगंगा पर दर्ज केस में जांच करने पुलिस अरबिन्दों अस्पताल पहुंची। जहां पर योगेश पाल, प्रेमलता बाई, बाबुलाल पाल, शुभम पाल की एमएलसी रिपोर्ट प्राप्त की। योगेश पाल ने बताया कि वह मिलिट्री में नौकरी करता है और अभी छुट्टियों में घर आया था। करीब 2 साल पहले हेमंत कौशल, दिलीप कौशल, विकास उर्फ विक्की बौरासी से उसके छोटे भाई शुभम पाल का विवाद हुआ था, तब से वह रंजिश रख रहे थे। 22 जनवरी 2017 को वह अपने दोस्त वरुण चौहान जो कि आर्मी पठानकोट में टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ था के घर स्कीम नंबर 51 में खाना खाने गया था। रात 10:30 बजे अपनी बाइक से अपने दोस्त वरुण के साथ अपने घर आ रहा था, तभी रामदत्त का भट्टा मैदान पर तलवारों से लैस होकर हेमंत कौशल, दिलीप कौशल, मोहित यादव, विकास उर्फ विक्की बौरासी, अर्जुन बौरासी, रोहित कौशल मिले और दोनों पर हमला कर दिया। हेमंत कौशल ने जान से मारने की नियत से दोस्त वरुण के सिर पर तलवार मारी। रोहित ने वरुण के गाल पर तलवार मारी, दिलीप ने सिर पर, मोहित ने योगेश के दोनों हाथों की हथेलियों में तलवार मारी। घटना में दोनों बुरी तरह से घायल हो गए और गाड़ी से गिर गए। झगड़ा विवाद सुनकर भाई शुभम, पिता बाबूलाल और मेरी मां प्रेमलता बीच-बचाव के लिए आई, तभी विकास उर्फ विक्की बौरासी ने भाई शुभम के गाल पर तलवार मारी और अर्जुन बौरासी ने पिता के कंधे पर तलवार से वार किया और मां को धक्का मारकर गिरा दिया। वहीं खड़ी योगेश की कार को तोड़फोड़ कर नुकसान किया। चिल्ला चोट सुन मोहल्ले वाले इकट्ठा हो गए वह अपनी बाइक वहीं छोड़कर भाग गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अरबिन्दों अस्पताल लाया गया। अस्पताल में वरुण की मृत्यु हो गई। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच की। आरोपियों को गिरफ्तार किया और हथियार जब्त किया। कोर्ट में चालान पेश किया। केस में 29 गवाहों के बयान समर्थन में करवाए गए। कोर्ट ने गवाह और सबूतों को ध्यान में रखते हुए आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।