शहर के एक कारोबारी को पार्सल में ड्रग्स मिलने का डर बताकर डिजिटल अरेस्ट कर 8 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने धमकाया कि वे मुंबई क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं, बात नहीं मानी तो 14 साल के लिए जेल भेज देंगे। एडि. डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि कारोबारी ने शिकायत में बताया कि उन्हें एक कॉल आया था। सामने से बोला कि वे फेडेक्स इंडिया से बोल रहे हैं। आपका पार्सल रिटर्न हो गया है। उसे कस्टम विभाग ने सीज कर दिया है। इसमें कई सस्पेक्ट वस्तुएं हैं। अगर यह पार्सल आपने नहीं भेजा है तो साइबर क्राइम में शिकायत करें। फिर कारोबारी ने उनसे पार्सल की डिटेल मांगी तो बोले कि फेडेक्स कंपनी ने एफआईआर करवा दी है। कॉल मुंबई कनेक्ट करने का बोल बात करवाई ठग ने कारोबारी को एक नंबर देकर कहा हम आपका कॉल साइबर क्राइम मुंबई कनेक्ट कर रहे हैं। आप रिपोर्ट दर्ज करवा दें। फिर कॉल कनेक्ट किया, दूसरे ठग ने पार्सल संबंधी डिटेल मांगी। ठगों ने कहा आप कंप्लेंट के लिए मुंबई आएं, नहीं आना है तो ऑनलाइन कंप्लेंट प्रोसीजर फॉलो करें। इसके बाद बदमाशों ने स्काइप वीडियो कॉल पर पूरी जानकारी ले ली। तीसरे बदमाश ने खुद को प्रदीप सावंत अंधेरी ईस्ट मुंबई का बताकर बात की। बोले- अब आप किसी से बात नहीं कर सकते इसके बाद व्यापारी को कहा कि अब आप किसी को न तो कॉल कर सकते हैं और न आपके साथ कोई होना चाहिए। फिर धमकाया कि आपका नाम मनी लॉन्ड्रिंग में आया है। 14 साल की जेल हो सकती है। आपको हमारे साथ सहयोग करना पड़ेगा। फिर खाते से 8 लाख ट्रांसफर करवाए। कहा कि यह एक प्रकिया है। चेक होकर 10 मिनट में आपके खाते में रिटर्न आ जाएगा। काफी देर बाद कारोबारी को समझ आया कि ठगी हो गई है। पीड़ितों को 46 लाख रुपए दिलवा चुके हैं दंडोतिया ने बताया कि इंदौर में डिजिटल अरेस्ट की अभी तक 10 शिकायतें आ चुकी हैं। इसमें 2 केस क्राइम ब्रांच और 1 लसूड़िया थाने पर दर्ज है। इन लोगों से अब तक 1.20 करोड़ रुपए की ठगी हो चुकी है। हमने लगभग 46 लाख रुपए वापस दिलवाए हैं। बाकी के लिए संबंधित बैंक खातों पर होल्ड लगाया है।