प्रदेश में भारी बारिश के कारण बांधों से पानी छोड़े जाने से नर्मदा बैकवाटर में बढ़ोतरी की संभावना है। ओंकारेश्वर बांध के 7 गेट खोलकर 3090 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। साथ ही बड़वानी और समीप जिलों में हो रही वर्षा से क्षेत्रीय नदियों का पानी नर्मदा में मिल रहा है। राजघाट-बड़वानी में नर्मदा बेकवाटर का लेवल बीते 10 दिनों से 134.70 मीटर पर स्थिर बना हुआ है। हालांकि, यह लेवल खतरे के निशान से 11 मीटर ऊपर है। जिले के तटीय गांव बेकवाटर से जलमग्न हो चुके है। बीते वर्ष भारी वर्षा और बांध के गेट समय पर नहीं खोलने से बेकवाटर का उच्च लेवल 138.6 के मुकाबले 142 तक पहुंच गया था। जिससे डूब के क्राइट एरिया से बाहर लोगों को जान माल की नुकसानी झेलना पड़ी थी। इस बार ऐसी नुकसानी न हो, इसके मद्देनजर बीते दिनों ही सरदार सरोवर बांध के गेट खोलकर बेकवाटर को लेवल पर बनाए रखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक रविवार शाम 4.30 बजे सरदार सरोवर बांध के 15 गेट खोले दिए गए थे। पानी निकासी और बिजली उत्पादन के लिए कुल 2.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। ओंकारेश्वर बांध के 7 गेट से छोड़ा जा रहा 3090 क्यूसेक पानी और क्षेत्रीय नदियों के पानी से बेकवाटर लेवल में अत्यधिक बढ़ोतरी के आसार नहीं बनेंगे। बीते 24 घंटे के दौरान जिले में औसत से 25.8 यानी एक इंच ज्यादा बारिश दर्ज की गई। इस दौरान निवाली में सर्वाधिक 68.2, पानसेमल में 48.2, ठीकरी में 33, वरला में 26, बड़वानी में 19 , पाटी में 17.3 , राजपुर में 15, अंजड़-सेंधवा में 13-13 और चाचरियापाटी में 11 मिमी वर्षा दर्ज की गई। भू अभिलेख कार्यालय के अनुसार जिले में इस वर्ष 1 जून से अब तक 562.5 मिमी (22.1 इंच) बारिश दर्ज की गई है, जो औसत वर्षा 746.3 मिमी (29.38 इंच) से 7 कम है। बीते वर्ष इस दौरान 15.8 इंच यानी 401.1 मिमी ही बारिश हुई थी।