रतलाम के कालूखेड़ा के गांव लसुडिया नाथी में मामा के घर से लापता 10 माह की बच्ची का किडनैप करने वाला आरोपी गांव का पड़ोसी निकला है। बच्ची को कुएं में फेंकने के बाद वह पुलिस से बचने के लिए राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में जाकर एक सूने मकान में छिपा था। राजस्थान पुलिस जब इसे पकड़ने गई तो भागने की कोशिश की। पुलिस ने पीछा कर ग्रामीणों की मदद से इसे पकड़ा। फिर इसे रतलाम पुलिस को सौंपा। बच्ची के लापता होने के बाद से रतलाम पुलिस ने आसपास के जिलो व राजस्थान पुलिस तक इस बारे में सूचना दे रखी थी। आरोपी दशरथ भील को रतलाम पुलिस ने भी संदिग्ध माना था। पूछताछ के लिए इसे हिरासत में भी लिया था। पर्याप्त सबूत व पूछताछ में कुछ सामने नहीं आने पर इसे छोड़ दिया। पुलिस इसकी हर एक गतिविधि पर नजर बनाए हुई थी। पुलिस को इसके बारे में कुछ क्लू मिला तब तक यह गांव से फरार हो चुका था। पुलिस ने मंदसौर, नीमच समेत अनेक जगहों पर टीम भेजी। यहां तक इस आरोपी का ससुराल राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के हथुनिया में था। रतलाम पुलिस वहां पर दो बार गई। लेकिन यह नहीं मिला। राजस्थान पुलिस को भी इस बारे में सूचना दी गई। रविवार दोपहर प्रतापगढ़ जिले के हथुनिया थाने के कांस्टेबल सुरेश मीणा को सूचना मिली कि आरोपी एक सूने मकान में छिपा हुआ है। जब कांस्टेबल मौके पर पहुंचा, तो युवक भागने की कोशिश करने लगा। ग्रामीणों की सहायता से कांस्टेबल ने उसे पकड़ लिया। बाद में रतलाम पुलिस को सूचना दी। रतलाम पुलिस वहां पहुंची और उसे लेकर कालूखेड़ा पहुंची। उसी की निशानदेही पर गांव के कुएं से बच्ची का शव निकाला। कड़ी सजा देने की मांग उठी शव मिलने के बाद आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग सोशल मीडिया पर उठ रही है। आखिर किस कारण से बच्ची को मारकर कुएं में फेका। बच्ची को किडनैप क्यो किया आदि कई ऐसे सवालों का खुलासा रतलाम पुलिस सोमवार को करेगी। पिछले 8 दिन से जहां पुलिस बच्ची के गायब होने पर बांछड़ा डेरो से लेकर मानव तस्करी समेत अलग-अलग एंगलो पर जांच कर रही थी। लेकिन आरोपी गांव का ही पड़ोसी निकला औक बच्ची का शव भी गांव के ही कुएं में मिलना कई सवाल खड़े करता है। यह था मामला प्रेमा पति मुकेश उर्फ राकेश खारोल निवासी ग्राम उपरवाड़ा करीब एक साल से कालूखेड़ा थाना अंतर्गत गांव लसुड़िया नाथी में अपने मायके में थी। डिलेवरी के पहले वह अपने मायके आई थी। डिलेवरी के बाद से वह मायके में ही थी। पति मिलने आता-जाता था। 17 अगस्त की रात प्रेमा घर में अपनी बच्ची तनु के साथ सो रही थी। रात 11 से 12 बजे के बीच मां प्रेमा की नींद खुली तो बच्ची पास में नहीं थी। घर का अंदर से दरवाजा बंद था। खिड़की खुली हुई थी। रात में ही बच्ची के पिता को सूचना दी। गांव में भी बच्ची के गायब होने पर हड़कंप मच गया। रात में पुलिस को सूचना दी। बच्ची को तलाश किया, लेकिन नहीं मिली।