राजधानी में अतिक्रमणकारी अब तक फुटपाथ पर कब्जा करते थे, लेकिन वे सड़क पर उतर आए हैं। सड़क पर ही दुकान लगाने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को पता नहीं है। करीब सवा साल पहले तत्कालीन कलेक्टर आशीष ने शहर का भ्रमण कर 16 स्थानों और रोड को िचह्नित किया था। न्यू मार्केट से लेकर दस नंबर और करोंद चौराहा तक सभी जगह अतिक्रमण पाया था। यहां एक महीने के अंदर कब्जे हटाने थे, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। यही कारण है कि सुभाष नगर ओवर ब्रिज के बाजू से मुख्य सड़क पर ही दुकानें लग गईं। इसके आगे ब्रिज के नीचे 20 से ज्यादा बड़ी-बड़ी फर्नीचर की दुकानें लग गई हैं। इनमें कई बार आग लग चुकी है। निगम खुद इन्हें कई बार हटा चुका है, लेकिन अतिक्रमणकारी जम जाते हैं।
कार्रवाई का असर नहीं: नगर निगम ने बीते बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को एमपी नगर में लगातार तीन दिन तक कार्रवाई की। नगर निगम की टीम बड़ी मात्रा में हाथ ठेले और गुमिठयां उठाकर ले गए। हालांकि बाद में कुछ दुकानदार अस्थायी रूप से सड़क पर ही सामान बेचने लगे। यहां सबसे खराब हालात अतिक्रमणकारियों ने सर्विस रोड पर पूरी तरह दुकानदारों ने कब्जा कर लिया है। होशंगाबाद रोड से लेकर कोलार, बैरागढ़, भवानी धाम, अशोका गार्डन, सुभाष नगर जैसे इलाकों में सर्विस रोड पर या तो पार्किंग हो रही है या दुकानदारों
ने अपना सामान जमाकर कब्जा कर लिया है। काली मंदिर के पास छोटे तालाब पर पातरापुल के दोनों ओर रोज सब्जी-भाजी, ड्रायफूड, कपड़ों आदि की दुकानें लगती हैं। लोग बीच सड़क पर वाहन खड़े कर खरीदारी करने लगते हैं। इससे सड़क संकरी हो जाती है और जाम के हालात बनते हैं। सुभाष नगर ओवरब्रिज के नीचे सड़क पर अवैध दुकानें ट्रैफिक बिगड़ रहा-फुटपाथ पर कब्जा होने के कारण लोगों को पैदल चलने की जगह नहीं बची है, तो सड़क किनारे और सड़क पर अतिक्रमण अब ट्रैफिक के लिए बड़ी बाधा बनने लगा है। सर्विस रोड आम ट्रैफिक के लिए बनाई गई है, लेकिन उस पर कब्जा होने के कारण मुख्य सड़क पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ता है और रोज ट्रैफिक जाम के हालात बनने लगे हैं। अतिक्रमण का जाल, दुकानों के कारण सड़क पर ही पार्किंग समाधान… ठेले-गुमठी वालों की शिफ्टिंग की जाए, वहां पार्किंग की व्यवस्था हो
बढ़ते शहर में सड़कों, चौराहों और तिराहों पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। इससे ट्रैफिक जाम और एक्सीडेंट की संभावना बढ़ जाती है। इसके समाधान के लिए जरूरी है कि एक विस्तृत प्लान तैयार किया जाए। इसमें रोड से लेकर हाथठेला और गुमठी लगाने वालों को पास कहीं शिफ्ट कर उन्हें मूलभूत सुविधाएं दी जाएं। इन जगहों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था होना चाहिए। लोगों को अतिक्रमण नहीं करने के लिए समझाइश देना चाहिए। इसके बाद एक बड़ा अभियान चलाकर इन्हें व्यवस्थित कर हटाना चाहिए। लोगों को कोई बेहतर विकल्प मिलता है, तो वे आसानी से हटने के लिए तैयार हो जाते हैम।
-शैलेंद्र श्रीवास्तव, रिटायर्ड स्पेशल डीजी