शहर के विकास को लेकर इंदौर में अलग-अलग मोर्चों पर लगातार काम हो रहा है। स्वच्छता, स्मार्ट सिटी, सूरत की तरह फ्लाय ओवर सिटी, लोक परिवहन के लिए मेट्रो, ट्रेड फेयर और टूरिज्म सिटी जैसे सपनों को साकार करने के लिए विभिन्न एजेंसियां काम कर रही हैं। इनमें नगर निगम, आईडीए, एनएचएआई, एमपीआरडीसी, स्मार्ट सिटी कंपनी, प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस प्रमुख एजेंसिया हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इन एजेंसियों ने 2012 के बाद कई प्रोजेक्ट शुरू किए। इनमें से कुछ पूरे हो गए, कुछ सियासी मुश्किलों में अटके हुए है। कुछ का फायदा लोगों को मिल रहा है तो कई प्रोजेक्ट भविष्य को ध्यान में रखकर प्लान नहीं किए गए। साथ ही एजेंसियों के बीच भी तालमेल का अभाव रहा, जिससे ये प्रोजेक्ट लोगों के लिए सुविधा की जगह परेशानी का सबब बन गए हैं।
बीआरटीएस जैसे प्रोजेक्ट से जनता को सुविधा तो मिली, लेकिन इसमें बनी बॉटलनेक शहर के लिए गले की हड़डी बन गई है। इससे बार-बार जाम की स्थिति बनती है। एजेंसियों ने 12 सालों में शहर में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के काम किए, लेकिन फिर भी शहर के 13 लाख कामकाजी लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं। समस्याएं जस की जस बनी हुई है। विशेषज्ञ बोले कि एजेंसियों के बीच आपसी समन्वयन नहीं होने से शहर की तस्वीर बदलने में नाकाम रही। आज भी शहर ट्रैफिक जाम, 2 इंच पानी गिरने पर जल भराव, पार्किंग और बेतरतीब निर्माण जैसी समस्याओं से जूझ रहा है।
अरबन प्लानर, विभिन्न सर्वे एजेंसियां कई बार एक अलग प्लानिंग सेल, यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी या यूनिफाइड डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाने के सुझाव दे चुकी है, जिससे विकास कार्यों के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय व तालमेल बनाया जा सकें। डेवलमेंट प्रोजेक्ट का फायदा आम जनता को मिले। समन्वयन नहीं होने की लापरवाही लवकुश चौराहे पर देखने को मिलेगी, यहां पर सुपर कॉरिडोर पर फ्लाय ओवर बन रहा है। मेट्रो भी इसी दिशा में बन रही है, लेकिन इसके ऊपर से डबल डेकर ब्रिज बनाया जा रहा है, जो भविष्य में सांवेर रोड पर चुनौती बनेगा। वर्तमान में यह हो रहा : करोड़ों रुपए लागत के फ्लाय ओवर, मेट्रो कॉरिडोर, ऑडिटोरियम और अन्य सुविधाएं विभाग बना रहे यह भी किया जाए : एक स्पेशल अथॉरिटी बनाई जाए, जिसके पास सभी प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए भेजे जाएं, इसमें सभी विभाग मौजूद रहें खजराना फ्लाय ओवर व एलआईजी लिंक रोड : आईडीए ने रिंगरोड के खजराना चौराहे पर फ्लाय ओवर बनाया। इसकी उतार एलआईजी लिंक रोड के क्रासिंग मुहाने पर कर दी। अब ट्रैफिक विभाग ने इस पर आपत्ति लेते हुए सर्विस रोड बनाने के बाद ही ट्रैफिक शुरू करने की बात कही है। मामला निगम और आईडीए के बीच अटका है। ब्रिज बनने के बाद भी लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में ये चुनौती बने बीआरटीएस : प्रोजेक्ट की प्लानिंग हुए 18 साल हो गए। इसका निर्माण होकर संचालन भी हो रहा है। इसमें नौलखा से एलआईजी चौराहे के बीच बॉटलनेक का हल अब तक नहीं निकल सका। मामला आईडीए व पीडब्ल्यूडी के बीच उलझा हुआ है। आईडीए ने एलिवेटेड ब्रिज का प्रोजेक्ट बनाया। केंद्र से सहायता के लिए लोक निर्माण विभाग ने मंजूरी भी ले ली। टेंडर भी जारी कर दिया। तीन साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं हो सका। अब एमपीआरडीसी ने दो फ्लाय ओवर पर काम शुरू कर दिया। सुविधा मुसीबत बनती जा रही है।
बाणगंगा रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी : बाणगंगा क्षेत्र में रेलवे क्रॉसिंग के लिए फ्लाय ओवर पीडब्ल्यूडी ने प्लान किए। पहले दो लेन बनाया, फिर दो लेन बना दिया। इस ब्रिज का उतार ऐसे बनाया कि खातीपुरा की ओर से बनने वाले रेलवे ओवर ब्रिज बनाने में परेशानी आ रही है।
बायपास पर सर्विस रोड व अंडर पास की प्लानिंग : बायपास का निर्माण हुए 16-17 साल हो गए, लेकिन यह एक्सीडेंट जोन बन गया। क्रासिंग पर एनएचएआई ने जो अंडरपास बनाए वह सुविधा कम, मुसीबत ज्यादा बन गए। फिर नगर निगम ने सर्विस रोड प्रस्तावित किया, बन भी गया। अब फिर बदलाव कर रहे हैं। भविष्य में इन पर नजर मेट्रो की राह रुकेगी : वर्तमान में मेट्रो की एक रिंग बन रही है। भविष्य में इसका विस्तार होगा। बीआरटीएस पर एमपीआरडीसी द्वारा बनाए जा रहे दोनों फ्लाय ओवर मेट्रो की राह रोकेंगे। इसी तरह रिंग रोड पर मेट्रो को बंगाली चौराहे से आगे ले जाने के लिए मुश्किल आएगी। एमआर-11 और देवास नाका फ्लाय ओवर – वर्तमान में एमआर-11 का निर्माण आईडीए कर रहा है। बायपास से एबी रोड के बीच की यह सड़क देवास नाका चौराहे से 500 मीटर दूर मिलेगी। इसी बीच एमपीआरडीसी ने यहां बीच में एक फ्लाय ओवर का निर्माण शुरू कर दिया। इसका स्लोप पहले तो क्रासिंग पर ही था। आईडीए की आपत्ति के बाद इसमें सुधार किया, लेकिन अब भी यह मात्र 50 मीटर पहले ही उतर रहा है। भविष्य में इससे परेशानी आएगी ।
अन्नपूर्णा लिंक रोड व फूटी कोठी फलाय ओवर : नगर निगम अन्नपूर्णा रोड से पश्चिम रिंग रोड को जोड़ने के लिए लिंक रोड बना रहा है। आईडीए ने इस लिंक के मुहाने पर ही फूटीकोठी ब्रिज खड़ा कर दिया, जबकि भविष्य में यह सघन ट्रैफिक एरिया बनेगा।
महू नाका ओवर ब्रिज : महू नाका ओवर ब्रिज को लेकर भी आईडीए व ट्रैफिक पुलिस में मतभेद है। आईडीए यहां पर लाबरिया भेरू से कलेक्टोरेट की तरफ सिक्स लेन ब्रिज बनाना चाहता हैं। ट्रैफिक पुलिस ने यहां पर डबल लेयर ब्रिज का सुझाव दिया है। समाधान- लॉन्ग टर्म प्लानिंग प्रभावित नहीं हो, इसका ध्यान रखें
-मुकेश चौहान, पूर्व चीफ इंजीनियर, अरबन इंफ्रास्टक्चर प्लानिंग विशेषज्ञ