जुगलकिशोर मंदिर में मथुरा की तर्ज पर मनेगी जनमाष्टमी,:राधा कृष्ण पहनेंगे हीरा जड़ित करोड़ों के गहने; जुगलकिशोर सरकार की मुरली है अनमोल

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मंदिरों की नगरी पन्ना के श्री जुगलकिशोर मंदिर में सोमवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। ठीक 12 बजे भगवान श्री कृष्ण बालस्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। पन्ना के श्री जुगलकिशोर मंदिर में मथुरा की तर्ज पर जन्माष्टमी मनाने की वर्षों पुरानी परंपरा है। क्योंकि यहां भगवान श्री कृष्ण की विग्रह रूपी प्रतिमा विराजमान है। जन्माष्टमी के पर्व पर भगवान श्री कृष्ण और राधा जी को हीरा, जवाहरात और सोने के बेशकीमती गहने पहनाए जाएंगे, जिनकी कीमत करोड़ों में है। दरअसल पन्ना के श्री जुगलकिशोर मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व पर प्रशासन औ मंदिर समिति के द्वारा विशेष तैयारियां की गई है। मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। जन्माष्टमी के पर्व को लेकर यहां 7 दिन पहले से ही तैयारियां की है। क्योंकि जुगलकिशोर जी के मंदिर में जन्माष्टमी मनाने देश के कौने-कौने से हजारों की संख्या में भक्त पन्ना आते है। करोड़ों के गहने, मुरली की कीमत अनमोल कलगीन हीरा जड़ित सोने की 30 ग्राम, बाजूबंद हीरा जड़ित सोने का 70 ग्राम, ब्रेसलेट 2 नग/पहले में पन्ना और दूसरे में नवरत्न सोने के 18 ग्राम, बेंदा हीरा और सोने से जड़ित 14 ग्राम मय धागा, पायल एक जोड़ी सोने की (चांदी के तार में)+14 गुरिया सोने के 90 ग्राम, मोती की माला जिसमें एक लॉकेट नवरत्न जड़ा हुआ 44 ग्राम मय धागा, नथ सोने की कच्ची जड़ित 13 ग्राम 600 मिलीग्राम,1 मुरली सोने की 264 ग्राम, बाजूबंद 2 नग सोने के पक्की जड़ित के 119 ग्राम जिनकी कीमत करोड़ों में है। दरअसल पन्ना के श्री जुगलकिशोर जी मंदिर का निर्माण पन्ना के चौथे बुंदेला राजा राजा हिंदूपत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान 1756 से 1778 तक किया था। किंवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर के गर्भगृह में रखी गई मूर्ति को बृंदावन से ओरछा और फिर पन्ना लाया गया था। यहां विराजित भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी जुगलकिशोर के रूप में भक्तों को दर्शन देते है। इनके आभूषण और पोशाक बुंदेलखंडी शैली को दर्शाते हैं। आभूषणों की बात करें तो भगवान को जनमाष्टमी के दिन बेशकीमती करोड़ों के हीरा जड़ित सोने के जेवरात पहनाए जाते है। मंदिर में बुंदेला मंदिरों की सभी स्थापत्य विशेषताएं हैं। जिसमें एक नट मंडप, भोग मंडप शामिल हैं।