कुलपति:देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी को 1 महीने में नया कुलपति मिलेगा, 27 सितंबर को खत्म होगा डॉ. जैन का कार्यकाल

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देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी काे ठीक एक माह में नया कुलपति मिल जाएगा। इसके लिए चयन से जुड़ी प्रक्रिया जल्द शुरू हाे जाएगी। राजभवन कुलपति पद के लिए पहले ही आवेदन बुलवा चुका है। अब स्क्रूटनी के आधार पर चुनिंदा दावेदारों काे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। सर्च पैनल के जरिये यह प्रक्रिया पूरी हाेगी। फिर 4-5 नामाें की पैनल में से राजभवन एक नाम काे हरी झंडी देगा। डीएवीवी में पूरे 24 साल बाद काेई कुलपति कार्यकाल पूरा करने जा रहा है। उसके पहले दाे दशक मेें एक भी कुलपति कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। काेई इस्तीफा देकर गया ताे किसी काे धारा 52 लगाकर हटाया गया। वर्तमान कुलपति प्राे. रेणु जैन न केवल 4 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही हैं, बल्कि प्रभारी कुलपति के ताैर पर भी वे सर्वाधिक एक वर्ष तक पद पर रहीं। स्थानीय काे मिलेगा माैका? या बाहर से आएगा नाम
2004 से सिर्फ एक बार स्थानीय कुलपति बना है। दरअसल, 3 नवंबर 2004 काे सीएस चड्‌ढा काे कुलपति बनाया। वे स्थानीय नहीं थे। 5 अगस्त 2006 काे उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 6 मार्च 2007 काे डॉ. भागीरथ प्रसाद स्थायी कुलपति बने। वे भी स्थानीय नहीं थे। 19 मार्च 2009 काे उन्होंने भी इस्तीफा दिया। 2 जून 2009 काे अजीतसिंह सेहरावत कुलपति बनाए गए। वे भी दिल्ली से आए थे। 29 मार्च 2010 काे उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ा। 29 जून 2010 काे प्राे. पीके मिश्रा कुलपति बने। वे भी भोपाल से आए थे। 7 दिसंबर 2011 काे वे भी इस्तीफा देकर चले गए। 28 जून 2012 काे प्राे. डीपी सिंह कुलपति बने। वे भी स्थानीय नहीं थे। 16 अगस्त 2015 काे वे भी इस्तीफा देकर नैक डायरेक्टर बन गए। 7 मई 2016 काे प्राे. नरेंद्र धाकड़ कुलपति बने। वे स्थानीय थे। होलकर कॉलेज के प्राचार्य रहे। 24 जून 2019 काे उन्हें धारा 52 लगाकर हटा दिया गया। स्थानीय काे मिलेगा माैका? या बाहर से आएगा नाम
2004 से सिर्फ एक बार स्थानीय कुलपति बना है। दरअसल, 3 नवंबर 2004 काे सीएस चड्‌ढा काे कुलपति बनाया। वे स्थानीय नहीं थे। 5 अगस्त 2006 काे उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 6 मार्च 2007 काे डॉ. भागीरथ प्रसाद स्थायी कुलपति बने। वे भी स्थानीय नहीं थे। 19 मार्च 2009 काे उन्होंने भी इस्तीफा दिया। 2 जून 2009 काे अजीतसिंह सेहरावत कुलपति बनाए गए। वे भी दिल्ली से आए थे। 29 मार्च 2010 काे उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ा। 29 जून 2010 काे प्राे. पीके मिश्रा कुलपति बने। वे भी भोपाल से आए थे। 7 दिसंबर 2011 काे वे भी इस्तीफा देकर चले गए। 28 जून 2012 काे प्राे. डीपी सिंह कुलपति बने। वे भी स्थानीय नहीं थे। 16 अगस्त 2015 काे वे भी इस्तीफा देकर नैक डायरेक्टर बन गए। 7 मई 2016 काे प्राे. नरेंद्र धाकड़ कुलपति बने। वे स्थानीय थे। होलकर कॉलेज के प्राचार्य रहे। 24 जून 2019 काे उन्हें धारा 52 लगाकर हटा दिया गया।