इंदौर के मंदिरों में आज जन्माष्टमी:इस्कॉन में हीरे-मोती जड़ित पोशाक से सजेंगे भगवान, बड़ा गणपति से निकलेगी शोभायात्रा

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इंदौर में आज जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। शहर के विभिन्न मंदिरों में भगवान का भव्य श्रृंगार करने के साथ ही रात 12 बजे भगवान की जन्म आरती की जाएगी। जन्माष्टमी पर्व को लेकर मंदिरों में विशेष साज सज्जा के साथ ही दर्शन की भी विशेष व्यवस्था की गई है। इस्कॉन में जहां भगवान हीरे-मोती जड़ित पोशाक धारण करेंगे, वहीं सुबह 10.30 बजे बड़ा गणपति से शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। बड़ा गणपति चौराहे से निकलेगी शोभायात्रा, महिलाएं खींचेगी रथ यादव अहीर समाज केन्द्रीय समिति द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर सोमवार सुबह 10.30 बजे बड़ा गणपति चौराहे से शोभायात्रा निकाली जाएगी। यादव अहीर समाज केन्द्रीय समिति के संरक्षक दीपू यादव, अध्यक्ष ओंकार यादव एवं निगम सभापति मुन्नालाल यादव, हरि नारायण यादव और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव ने बताया कि सुबह 10.30 बजे बड़ा गणपति चौराहे पर गो पूजन एवं सुसज्जित रथ में विराजित राधा-कृष्ण की प्रतिमा और लड्डू गोपाल की पूजा के साथ जुलूस का शुभारंभ होगा। बड़ा गणपति से श्रम शिविर तक पहुंचने वाले इस जुलूस के मार्ग में करीब 50 स्वागत मंच बनाए गए हैं, जहां से समाज बंधुओं को फलाहार आदि का वितरण भी होगा तथा जगह-जगह पुष्प वर्षा भी होगी। अनेक नन्हें-मुन्ने बच्चे राधा-कृष्ण के श्रृंगार में सजधज कर आएंगे। सांवरिया ग्रुप के लोक कलाकार भी सड़कों पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए दिखाई देंगे। शोभायात्रा में भगवान कृष्ण के जीवन चरित्र पर आधारित अनेक मनोहारी झांकियां तो आकर्षण का केन्द्र रहेंगी ही, एक फूलों से सुसज्जित रथ में विराजित भगवान राधा-कृष्ण एवं लड्डू गोपाल के रथ को महिलाएं अपने हाथों से खींचते हुए चलेंगी। मथुरा और वृंदावन के लोक कलाकार अपनी नृत्य कला की छटा बिखेरेंगे। वहीं बैंड बाजे, भजन, गरबा मंडलियां और अखाड़ों में शामिल पहलवान भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। यशोदा माता मंदिर: यशोदा माता मंदिर के पं.महेंद्र दीक्षित और पं.मनीष दीक्षित ने बताया कि 26 अगस्त, सोमवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर मंदिर को हजारों रंग-बिरंगे बल्बों से सजाया गया है। उत्सव में भगवान का मनोहारी श्रृंगार किया जाएगा। मंदिर में आकर्षक साज सजावट की गई है। रात 12 बजे महापूजा एवं जन्म आरती होगी। इसके बाद प्रसाद वितरण होगा। 27 अगस्त को नंद उत्सव और छप्पन भोग के दर्शन शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक होंगे। रात 9 बजे मंदिर परिसर में भजन संध्या होगी। 28 अगस्त को मोर पंख झूले में लड्‌डू गोपाल एवं दीप मालिका श्रृंगार के दर्शन शाम 7 से 11 बजे तक होंगे। संतान प्राप्ति के लिए यशोदा माता की गोद भराई 26 व 27 अगस्त को सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगी। 233 साल पुराना है यशोदा माता मंदिर 233 साल पहले यशोदा माता मंदिर की स्थापना पंडित आनंदी लाल दीक्षित ने की थी। मंदिर में यशोदा माता की प्रतिमा है, जिसमें माता अपनी गोद में भगवान श्री कृष्ण को लेकर विराजमान है। दूसरी तरफ भगवान श्रीकृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी चींटी उंगली पर लेकर खड़े है। आसपास राधा रुक्मिणी विराजमान है वहीं दो बाल ग्वाल एवं गो माता भी है। इंदौर में यशोदा माता मंदिर शहर के हृदय स्थल खजूरी बाजार में स्थित है। जयपुर से बैलगाड़ी में इंदौर लाई थी प्रतिमा यहां की मूर्ति जयपुर से बैलगाड़ी में चालीस दिनों में इंदौर लाई गई थी। मान्यता है कि जिन महिलाओं को संतान नहीं है वे मंदिर में आकर माता की गोद भरती है उनके यहां संतान की प्राप्ति होती है। इस ‌वर्ष भी तीन दिवसीय उत्सव मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन विशेष रूप से सिंघाडे के आटे को शुद्ध घी में सेंक कर मेवा युक्त पंजरी बनाई जाएगी और मिश्री माखन का भोग लगाकर बांटा जाएगा। गोपाल मंदिर: इंदौर के होलकर कालीन प्राचीन गोपाल मंदिर में सोमवार, 26 अगस्त को जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी। मंदिर के पुजारी पं.बालमुकुंद पाराशर ने बताया कि गोपाल मंदिर में सोमवार को जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। सोमवार को सुबह 6.30 बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद उन्हें नए वस्त्र धारण कराए जाएंगे। भगवान का श्रृंगार होगा। उन्हें बाल भोग अर्पित किया जाएगा। भगवान की श्रृंगार आरती कर प्रसाद वितरण किया जाएगा। सुबह 11 बजे व्यास गादी से भगवान कृष्ण की जन्म उत्सव की कथा होगी। कथा के बाद भगवान को राज भोग लगाया जाएगा। शाम को 5 से 7 बजे तक 11 ब्राह्मण वैदिक पद्धति से अभिषेक पूजन किया जाएगा। उसके बाद 7.30 बजे संध्या आरती होगी। इसके बाद भजन-कीर्तन का क्रम चलेगा। रात 11.30 बजे से जन्म उत्सव का वैदिक पद्धति से पूजन किया जाएगा। 12 बजे भगवान की जन्म आरती की जाएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त इसमें शामिल होंगे। बांके बिहारी मंदिर: इंदौर के बांके बिहारी मंदिर में सोमवार, 26 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। पुजारी तपस्विनी ने बताया कि बांके बिहारी मंदिर में सोमवार को कृष्णा जन्माष्टमी का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। सुबह भगवान का अभिषेक किया जाएगा। पर्व को लेकर मंदिर का खास सजावट की गई है। भगवान को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा। दिनभर मंदिर में आने वाले भक्तों को माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित किया जाएगा। रात में भगवान का अभिषेक कर 12 बजे जन्म आरती की जाएगी। इस्कॉन मंदिर: इस्कॉन के राधा गोविंद मंदिर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व सोमवार को पूरे जोश एवं उत्साह के साथ मनाया जाएगा। मंदिर पर गत 20 अगस्त से ही कृष्ण जन्मोत्सव का रंग जमने लगा है। सोमवार को जन्मोत्सव के लिए वृंदावन से विशेष पोषाख बुलवाई गई है, जो रेशम के धागों और हीरे मोती से बनी हुई है। इसी पोशाक से भगवान का श्रृंगार होगा। इसके अलावा मंदिर पर सुबह से रात तक भक्ति भाव से भरपूर अनेक आयोजन होंगे। महोत्सव में भाग लेने हेतु आस्ट्रेलिया, रूस, कतर एवं अन्य देशों के श्रद्धालु भी आए हैं। इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास एवं मीडिया प्रभारी हरि अग्रवाल और व्यवस्थापक शैलेन्द्र मित्तल ने बताया कि सोमवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक कलश सेवा अभिषेक के विशिष्ट आयोजन होगा। दोपहर 4.30 से 7 बजे तक मुंबई से आए प.पू. भक्ति करुणामय वनमाली महाराज के श्रीमुख से भागवत कथा का दिव्य अनुष्ठान और शाम 7 से 10 बजे तक मुरादाबाद एवं हावड़ा से आए कलाकारों द्वारा भगवान की बाल लीलाओं पर आधारित कार्यक्रमों का मंचन होगा। रात 10 बजे भगवान का पंचामृत से अभिषेक और रात 12 बजे जन्मोत्सव की महाआरती होगी। बुजुर्ग भक्तों को मंदिर तक लाने और ले जाने के लिए दो स्थानों पर 50 ई रिक्शा की व्यवस्था की गई है। यह सुविधा रात में 9 बजे से जन्मोत्सव के बाद तक उपलब्ध रहेगी। मंगलवार को इस्कॉन के संस्थापक श्रीप्रभुपाद की व्यास पूजा एवं नंदोत्सव का आयोजन सुबह 11 बजे से किया जाएगा। त्रिवेदी राधा कृष्ण मंदिर:
आड़ा बाजार स्थित प्राचीन त्रिवेदी राधाकृष्ण मंदिर एवं त्रिवेदी संस्थान पर 20 अगस्त से शुरू हुए श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में जन्माष्टमी अवतरण का मुख्य समारोह सोमवार, 26 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर पीड़ित मानवता की सेवा करने वाले एमवाय अस्पताल के रेसीडेंट डॉक्टर कृष्णा गुप्ता का सम्मान होगा। मंदिर की ओर से इंदुमति त्रिवेदी एवं पं. मानवेन्द्र-वंदना त्रिवेदी ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व की औपचारिक शुरुआत मंगलवार, 20 अगस्त से हो चुकी है। 26 अगस्त को जन्माष्टमी के मुख्य उत्सव का शुभारंभ आचार्य पं. किशोर जोशी के निर्देशन में 11 ब्राह्मणों एवं त्रिवेदी परिवार द्वारा महाभिषेक, महापूजा एवं महाआरती के साथ सुबह 9 बजे से होगा। इस अवसर पर एमवाय अस्पताल में पदस्थ मेडिसिन रेसीडेंट आर-1 डॉ. कृष्णा गुप्ता का विधायक गोलू शुक्ला एवं विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री नीलेश सोलंकी तथा क्षेत्र की पार्षद रूपाली- अरूण पेंढारकर के आतिथ्य में सम्मान किया जाएगा। दोपहर 2 से 4 बजे तक हरे राम हरे कृष्ण भजन मंडल द्वारा भजन एवं रात 9 से 12 बजे तक पं.पीयूष तिवारी की भजन संध्या भी होगी। रात 12 बजे जन्मोत्सव का आयोजन सांसद शंकर लालवानी एवं विहिप मालवा प्रांत के अध्यक्ष मुकेश जैन की विशेष उपस्थिति में किया जाएगा। प्राचीन हंसदास मठ : पीलिया खाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर जन्माष्टमी का महापर्व सोमवार, 26 अगस्त को हंस पीठाधीश्वर श्रीमहंत रामचरणदास महाराज के सान्निध्य में धूमधाम से मनाया जाएगा। मठ स्थित भगवान रणछोड़जी का नारायण स्वरूप में श्रृंगार तो होगा ही, दो आकर्षक झांकियां भी भक्तों को देखने को मिलेगी। इनमें गजेन्द्र मोक्ष के साथ ही भगवान कृष्ण के यमुना पार करते हुए झांकी भी आकर्षक विद्युत एवं पुष्प सज्जा से श्रृंगारित रहेगी। रात 11.30 बजे से भक्तों को खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इसके बाद भगवान पद्मनाभ स्वरूप सालिगराम का पंचामृत अभिषेक होगा और रात ठीक 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव की महाआरती के बाद पंजरी प्रसाद वितरण के साथ समापन होगा। श्री श्री विद्याधाम: श्री श्री विद्याधाम पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव सोमवार, 26 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सान्निध्य में सुबह एवं दोपहर को हरियाली, कदम्ब के फूल एवं फूलों से भगवान की आकर्षक झांकी सजाई जाएगी। आश्रम परिवार के यदुनंदन माहेश्वरी, सुरेश शाहरा, पं. दिनेश शर्मा एवं राजेन्द्र महाजन ने बताया कि पं. लोकेश शर्मा एवं उनके साथी भगवान के जन्म एवं यमुना में नौका विहार की झांकी सजाएंगे। शाम को 51 विद्वानों द्वारा आचार्य पं. राजेश शर्मा के निर्देशन में भगवान कृष्ण का तुलसी दल, सफेद तिल्ली एवं पुष्पों से सहस्त्रार्चन किया जाएगा। षोडशोपचार पूजन, गोदुग्ध से अभिषेक एवं श्रृंगार के बाद रात ठीक 12 बजे जन्मोत्सव की आरती होगी। मंगलवार को नंदोत्सव मनाया जाएगा।

वर्षा से बचाव के लिए वाटर प्रूफ पांडाल- मंदिर परिसर में 10-10 हजार वर्गफुट वाटर प्रूफ पंडाल बनाए गए है, जहां मेगा स्क्रीन लगाई गई है, जिस पर कृष्ण जन्मोत्सव के सभी प्रसंग दिखाई देंगे। मंदिर परिसर में 25×400 का एक पांडाल, 80×120 के दो पांडाल भी लगाए गए हैं। इनके अलावा 50 दुकानें भी यहां लगाई गई हैं, जहां पर भगवान की भक्ति से संबंधित सामग्री आदि की बिक्री होगी। सोमवार, 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूरे दिन दर्शन एवं सत्संग के आयोजन होंगे। मंगलवार, 27 अगस्त को इस्कॉन के संस्थापक श्रीलप्रभुपाद की व्यास पूजा एवं नंदोत्सव का आयोजन सुबह 11 बजे से किया जाएगा। इस दौरान उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश भी डाला जाएगा। आयोजन की दिव्यता को देखते हुए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है, जिनमें मंदिर के श्रीनिकेतन प्रभु, अद्विधरण प्रभु, रणवीर प्रभु, अच्युत गोपाल प्रभु, गिरधर गोपाल प्रभु, विशाल प्रभु, मधुर कृष्ण प्रभु को विभिन्न समितियों की व्यवस्था सौंपी गई है।