‘रोकथाम एवं सुरक्षा अधिनियम-2024’:खुले बोरवेल में दुर्घटना होने पर होगी एफआईआर

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खुले बोरवेल (नलकूप) में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने ‘रोकथाम एवं सुरक्षा अधिनियम-2024’ बनाया है, जो लागू हो चुका है। अधिनियम के तहत यदि बोरवेल (नलकूप) की ड्रिलिंग के समय ड्रिलिंग एजेंसी ने उचित सुरक्षा उपाय नहीं किए और दुर्घटना हुई तो एजेंसी के साथ ही जमीन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई होगी और एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही पहले अपराध पर 10 हजार रुपए और बाद में 25 हजार रुपए का जुर्माना भी देना होगा। दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में दोषसिद्धि पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 100, 105, 106 व 110 के प्रावधान अनुसार दंडित किया जाएगा। दुर्घटना के दौरान किसी व्यक्ति के बचाव के लिए होने वाला खर्च ड्रिलिंग एजेंसी या भूमि स्वामी से वसूला जाएगा। आदेश के खिलाफ 30 दिन की सीमा में अपील की जा सकेगी। ड्रिलिंग एजेंसी को बोरवेल/नलकूप की ड्रिलिंग के पूर्व निर्धारित वेब पोर्टल पर डाटा भरकर ड्रिल करने के लिए अनुमति प्राप्त करना होगी। निष्क्रिय बोरवेल (नलकूप) को 3 माह के अंदर भूमि स्वामी द्वारा बंद करना होगा। भूमि स्वामी या ड्रिलिंग एजेंसी बोरवेल (नलकूप) में कैप नहीं करते हैं तो कैप करने में उपगत व्यय वसूला जाएगा। खुले बोरवेल (नलकूप) में सक्षम अधिकारी स्वयं अथवा किसी व्यक्ति द्वारा रिपोर्ट या शिकायत प्राप्त होने पर संज्ञान ले सकेंगे।