खंडवा रोड स्थित चोरल नदी किनारे बन रहे रिसॉर्ट में बनाए जा रहे सभी कॉटेज के स्ट्रक्चर वैसे ही कमजोर बने हैं, जैसा गुुरुवार रात एक जमींदोज हुआ था। अफसरों का मानना है कि जांच बाद बाकी के कॉटेज के स्ट्रक्चर भी तोड़ देने चाहिए, वर्ना ये बाद में धराशायी हो सकते हैं। ऐसा हुआ तो और बड़ी जनहानि होगी। इधर, पुलिस ने सभी आरोपियोें को नोटिस देकर कोर्ट में पेश होने को कहा है।
एसपी ग्रामीण हितिका वासल ने बताया कि ठेकेदार और चार मजदूरों की जान लेने वाले ‘चोरल रिवर रिसोर्ट’ की जांच में अन्य परमिशन के लिए पुलिस ने श्रम विभाग, चोरल पंचायत, वन विभाग, पीडब्ल्यूडी व अन्य विभागों को पत्र लिखे हैं। सभी से उनकी रिपोर्ट मांगी है। यह भी पता चला है कि रिसोर्ट संचालक ने डायवर्शन सहित अन्य परमिशन ले रखी थी। प्रारंभिक जांच में बड़ी लापरवाही ठेकेदार की पाई गई है, लेकिन वह भी हादसे का शिकार हो गया। इंजीनियरिंग कॉलेज के अनुभवी कर सकते हैं जांच
अफसरों ने बताया कि जांच रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी अफसरों ने पुलिस को सौंप दी है। इसमें बड़ी खामी कमजोर वेल्डिंग और घटिया स्ट्रक्चर की पाई गई। बताया गया कि पहले वेल्डिंग उखड़ी थी, इसके बाद स्ट्रक्चर धराशायी हो गया। पीडल्ब्यूडी ने यह भी कहा कि बाकी के बने स्ट्रक्चर की जांच सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के अनुभवियों से करवाई जाना चाहिए। माना जा रहा है यह जांच एसजीआईटीएस कॉलेज को मिल सकती है। नोटिस देकर छोड़ा सभी को, अब कोर्ट में होंगे पेश
डीसीपी उमाकांत चौधरी के अनुसार आरोपी विकास निवासी साजन नगर, अनाया डेम्बला, विहाना डेम्बला दोनों द्वारकापुरी और मैनेजर राहुल के खिलाफ बीएनएस की धारा 106 के तहत केस दर्ज किया है। इस धारा में 7 साल से कम की सजा है। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के आधार पर इन्हें नोटिस दिया गया है। अब इन्हें कोर्ट में पेश होना होगा। घटना के बाद आरोपी थाने पहुंच गए थे। उन्होंने अपने दस्तावेज भी दिखाए हैं। जंगलों में बने रिसॉर्ट की जांच के लिए टीम बनेगी : उधर, महू एसडीएम चरणजीत सिंह हुड्डा ने कहा, तहसील इलाके के जंगलों में बने बाकी रिसॉर्ट की जांच के लिए एक टीम बनाई जा रही है। क्षेत्र में स्थित सभी रिसॉर्ट की जानकारी जुटाएंगे। वहां होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस को कहेंगे।