बैतूल के बालाजीपुरम मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी अनूठे तरीके से मनाई जाएगी। यहां द्वापर युग का सेट बनाया जाएगा। द्वापर युग का वही दृश्य चित्रित किया जाएगा जब कंस के कारावास में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। मंदिर के मीडिया प्रभारी सुनील दिवेदी ने बताया कि इस सेट पर दिखाया जाएगा कि भगवान के जन्म के बाद वासुदेव जी ने कैसे उन्हें उफनती यमुना पार कर ब्रजधाम ले गए थे। सोमवार हर साल की तरह इस साल भी जन्माष्टमी का पर्व श्री रूकमणि बालाजी मंदिर बालाजीपुरम मे मनाया जाएगा। बैतूल के इस बालाजीपुरम मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मनोरम दृश्य देखने को मिलता है। यहां हर साल मंदिर को द्वापर युग के सेट का रूप दिया जाता है। जहां कंस के कारावास में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की घटना लाइट और साउंड के साथ दिखाई जाती है। इस भव्य आयोजन में कलाकारों को वासुदेव, देवकी और कंस बनाया जाता है। फिर शुरुआती दृश्य में दिखाया जाता है कि वासुदेव और देवकी कंस के कारागार में बंद हैं। इसके साथ ही क्रूर राजा कंस को भी दिखाया जाता है। फिर भगवान श्री कृष्ण का कारागार में जन्म होता है। बालक कृष्ण के जन्म के बाद पिता वासुदेव टोकरी में शिशु को रखकर उफनती यमुना नदी पार कर ब्रज धाम पहुंचते हैं।