टीकमगढ़ जिले के लिधौरा तहसील के ग्राम पंचायत स्यवानी में बाड़े में बंद गोवंश को मुक्त कर दिया गया है। जिला पंचायत सीईओ ने पंचायत सचिव को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा गोवंश को गौशाला में शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए गए हैं। दरअसल, ग्राम पंचायत स्यावनी में शनिवार को गोवंश की दुर्दशा का मामला सामने आया था। ग्रामीणों ने अमानवीय व्यवहार करते हुए कीचड़ से भरे एक बाड़े में दर्जनों गोवंश को भर दिया था। पिछले तीन दिनों से दो दर्जन से ज्यादा गोवंश बाड़े में बंद था। शनिवार को दैनिक भास्कर ने गोवंश से अमानवीय व्यवहार के मामले में खबर चलाई थी। इसके बाद अधिकारियों ने मामले में संज्ञान लिया। कलेक्टर ने लिधौरा तहसीलदार और जिला पंचायत सीईओ ने पलेरा जनपद सीईओ को मामले की जांच के निर्देश दिए। इसके बाद लिधौरा तहसीलदार के निर्देश पर शनिवार शाम बाड़े में बंद गोवंश को मुक्त कराया गया। साथ ही गांव वालों को हिदायत दी गई कि दोबारा गोवंश के साथ अमानवीय व्यवहार ना करें। इसके अलावा जिला पंचायत सीईओ नवीत धुर्वे ने ग्राम पंचायत स्यावनी के सचिव देशराज विश्वकर्मा को सस्पेंड कर दिया है। सचिव पर लगाए लापरवाही के आरोप जिला पंचायत सीईओ नवीत धुर्वे ने जारी पत्र में बताया कि देशराज विश्वकर्मा सचिव और प्रभारी ग्राम रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत स्यावनी को 22 अगस्त को खण्ड स्तरीय समीक्षा बैठक में लिखित निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें गांव में मुनादी कराने, किसानों को अपने पालतू गौवंश को उचित व्यवस्था के साथ घर में रखने, ग्राम पंचायत में आवारा गौवंश की वर्षा काल में उचित व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद सचिव विश्वकर्मा ने गौवंश की सुरक्षा की दृष्टि से उचित काम नहीं किया। जिसके चलते सचिव देशराज विश्वकर्मा को सस्पेंड कर जनपद कार्यालय पलेरा अटैच किया गया है।