शनिवार भस्म आरती दर्शन:भगवान महाकाल के मस्तक पर मुकुट अर्पित कर हनुमान जी के स्वरूप में श्रृंगार

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विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार तड़के भस्म आरती के दौरान मंदिर के कपाट खोले गए। सबसे पहले सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाकर भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप वाले चांदी के पट खोला गया। भगवान का श्रृंगार उतार कर पंचामृत पूजन के बाद कर्पूर आरती की। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध,दही,घी,शक़्कर शहद फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भगवान महाकाल के मस्तक पर मुकुट अर्पित कर हनुमान जी के स्वरूप में दिव्य श्रृंगार किया गया। भगवान महाकाल का रजत चंद्र और आभूषण अर्पित कर भांग चन्दन ड्रायफ्रूट और भस्म चढ़ाई गई, शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की भगवान महाकाल ने। फल और मिष्ठान का भोग लगाया।भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।