मध्य प्रदेश में 36,059 शिक्षक अतिशेष:शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में की जाएगी पदस्थापना, काउंसिलिंग 28 को

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बालाघाट, सतना, इंदौर, भोपाल सहित प्रदेश के 52 जिला मुख्यालयों के सरकारी स्कूलों में क्षमता से अधिक शिक्षक पदस्थ हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़े शहरों में 36 हजार 59 अतिशेष शिक्षक ढूंढ़ निकाले हैं, जिन्हें अब उन स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा, जहां शिक्षकों की कमी है। इसके लिए सभी जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 28 अगस्त को काउंसिलिंग की जा रही है। जिनमें अतिशेष शिक्षकों से च्वाइस पूछी जाएगी और उनकी शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में पदस्थापना की जाएगी। इस संबंध में संचालक लोक शिक्षण केके द्विवेदी ने आदेश जारी कर दिए हैं। जिलों में आयोजित होने वाली काउंसिलिंग में अतिशेष शिक्षकों को सुबह 10 बजे पहुंचना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलों में रिक्त पदों की सूची सूचना पटल पर चस्पा करेंगे। इसके आधार पर अतिशेष शिक्षक को सबसे पहले उसी स्कूल में पदस्थ करने की कोशिश की जाएगी। मसलन, अतिशेष शिक्षक जिस स्कूल में पदस्थ है, उसमें श्रेणी-3 का पद खाली है, तो रिक्त पद पर इस अतिशेष शिक्षक को वरीयता दी जाएगी। यदि स्कूल में अतिशेष शिक्षक अधिक हैं और उस मान से पद रिक्त नहीं हैं, तो ग्रेडेशन अनुसार वरिष्ठ शिक्षक का उसी स्कूल के रिक्त पद के लिए चयन किया जाएगा। स्कूल के स्कूल में पदस्थापना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अतिशेष शिक्षकों की जिले की वरिष्ठता सूची के अनुक्रम में काउंसिलिंग कर उन स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा, जिनमें शिक्षकों की कमी है। प्रयोगशाला शिक्षक विज्ञान पद की पात्रता रखने वाले अतिशेष शिक्षकों को उन्हीं के स्कूल में पद रिक्त होने के बाद भी जिले की वरिष्ठता के आधार पर काउंसिलिंग के लिए आमंत्रित किया जाएगा। काउंसिलिंग में नहीं आने वालों का प्रशासकीय आधार पर तबादला जो शिक्षक काउंसिलिंग में शामिल नहीं होंगे और रिक्त स्थानों में से किसी भी स्थान का चयन नहीं करेंगे, ऐसे सभी शिक्षकों का उन स्कूलों में प्रशासकीय आधार पर तबादला किया जाएगा। जिले के अधिकारियों को तबादले के प्रस्ताव 30 अगस्त तक लोक शिक्षण संचालनालय को भेजने होंगे। भोपाल में 1115 शिक्षक अतिशेष बालाघाट जिले में सबसे अधिक 1491 शिक्षक अतिशेष हैं। दूसरे नंबर पर सतना है, जहां 1457 और रीवा में 1379 अतिशेष शिक्षक हैं। वहीं इंदौर में 1337 और भोपाल में 1115 शिक्षक अतिशेष हैं।