दलालबाग में उमड़े जैन समाजजन:तात्विक आनंद आपका ध्येय नहीं, आपका ध्येय है आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति करना – मुनि विनम्र सागर महाराज

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छत्रपति नगर स्थित दलालबाग में मुनि विनम्र सागर महाराज के प्रतिदिन प्रवचन जारी है। शनिवार को अपने प्रवचन में मुनिश्री ने कहा कि साधु मार्ग में पांच प्रकार के आनंद होते हैं। हमने तो संयमी बनने के बाद ये सुने थे, किंतु आप आज ही ये सुन लीजिएगा। पहला राजसिक आनंद हमें अच्छी सुविधा मिल जाए, चौके में अच्छा भोजन मिल जाए, ठहरने के लिए अच्छा रूम मिल जाए, ये सब राजसिक आनंद है। दूसरा तामसिक आनंद एक गुरु भाई के असफल होने पर आपको आनंद आता है, उसे तामसिक आनंद कहते हैं। तीसरा सात्विक आनंद आप उत्कृष्ट चर्या करते हैं, समय पर स्वाध्याय भी करते हैं आप सभी में प्रवीण हैं, किसी ने आपकी प्रशंसा की और दूसरे महाराज के बारे में ऐसा नहीं कहा, इससे आपको आल्हाद हुआ, ये सात्विक आनंद है। मुनिवर ने कहा ये आनंद, आनंद नहीं है, राग द्वेष से संकलित है ये और केंद्र से भटकाने वाले है। साधुओं को इन आनंदों से मुक्त होना होगा। चौथा तात्विक आनंद आगम ग्रंथों को पढ़ने पर हम केवली नहीं बन जाएंगे, लेकिन आगम ग्रंथों को पढ़कर केवली के क्या भाव है, वो पता कर पाएंगे। तात्विक आनंद आपका ध्येय नहीं है,आपका ध्येय है, आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति करना। तात्विक आनंद के ऊपर होता है आध्यात्मिक आनंद। पांचवां आध्यात्मिक आनंद अंदर ही अंदर अहो भाव उत्पन्न होता है। सभी से लगाव खत्म होता चला जाता है। वक्त के साथ वैराग्य से भी वैराग्य हो जाता है। उसे कहते हैं, आध्यात्मिक आनंद। मुनिश्री ने कहा कि जो वर्तमान में विराजमान है, वही मेरे गुरु हैं (आचार्य समय सागर महाराज)। जो चले गए (आचार्य विद्यासागर महाराज) उनको मेरा बारंबार नमस्कार। दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि शनिवार सुबह बड़ी राशि का दान देने पर रामजी लाल जैन (रिटायर्ड प्रिंसिपल) शिवपुरी, मंजू-पी.सी जैन, नगर निगम इंदौर के साथ ही सतीश जैन, खजुराहो,चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष रमेश जैन एवं परिवार, सुनील जैन, नीलू जैन का सम्मान कमेटी के अध्यक्ष मनोज बाकलीवाल, मनीष नायक, सचिन जैन, शिरीष अजमेरा द्वारा किया गया। इस अवसर पर आनंद जैन,कमल अग्रवाल, अमित जैन, प्रदीप स्टील, भरतेश बड़कुल, रितेश जैन आदि के साथ ही बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे। धर्म सभा का संचालन भूपेंद्र जैन ने किया।