मप्र नर्सिंग काउंसिल में चल रहे फर्जीवाड़े की जांच के चलते अब रजिस्ट्रार के पद पर ज्वाइन करने से लोग कतरा रहे हैं। यहीं कारण है कि उज्जैन के शासकीय नर्सिंग कॉलेज की सिस्टर ट्यूटर आशा दुबे को 11 जुलाई को नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाया गया था। इस आदेश को जारी हुए 44 दिन बीत गए। इसके बावजूद उन्होंने रजिस्ट्रार का पद ज्वाइन नहीं किया। नतीजतन सरकार को इनकी नियुक्ति आदेश निरस्त कर छिंदवाड़ा में सिस्टर ट्यूटर के तौर पर कार्यरत अनीता चांद को नया रजिस्ट्रार बनाया गया है। इधर, नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की जांच के लिए हाई कोर्ट के निर्देश पर डेफिशिएंट कॉलेजों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है। इसने अब 19 डेफिशिएंट और 4 अनसूटेबल कॉलेजों को 29 व 30 अगस्त को जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी कैंपस में बुलाया गया है।