नरसिंहपुर में छिंदवाड़ा बायपास पर अतिक्रमण हटाने के दौरान अधिकारियों ने शनिवार को बिना नोटिस के एक दिव्यांग के घर की दीवार ढहा दी। जबकि अन्य अतिक्रमणकारियों को तीन दिन की मोहलत दी गई। यह कार्रवाई हाईकोर्ट में अतिक्रमण पर सुनवाई से पहले की गई, जहां जनहित याचिका दायर की गई है। संयुक्त टीम ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन शिकायतकर्ता दिव्यांग रीतेश नेमा का घर बिना उचित नोटिस के नुकसान पहुंचाया। अन्य अतिक्रमणकारियों को लंबे समय से नोटिस मिलने के बावजूद राहत दी गई, जबकि रीतेश नेमा की दीवार को तुरंत ढहा दिया गया। अधिकारियों ने अन्य अतिक्रमणकारियों को अतिरिक्त समय देने में नरमी बरती। रीतेश नेमा की शिकायतों को दरकिनार कर उसकी दीवार को ढहाने की कार्रवाई विवादित हो गई है। नेमा ने पिछले डेढ़ साल से शिकायतें की थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। हाईकोर्ट में 24 अगस्त को मामले की सुनवाई प्रस्तावित है। नहीं मिला कोई नोटिस इस मामले में शिकायतकर्ता रीतेश नेमा ने बताया है कि यहां बायपास पर अतिक्रमण है जिसकी शिकायत में बहुत लंबे समय से कर रहा था जब यहां पर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दे दिया गया और कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैं शिकायतकर्ता हूं और मेरा ही घर बिना मुझे नोटिस दिए अचानक प्रशासन की टीम ने तोड़ दिया। इस संबंध में कलेक्टर मैडम को भी फोन लगाया था लेकिन उन्होंने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया और आज मेरा घर टूट पड़ा हुआ है। जबकि, मेरा कोई अवैध कब्जा नहीं है यहां। अतिक्रमण की शिकायत मैंने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मैडम सभी को कर रहा हूं। लेकिन प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि शिकायत कहीं भी कर लो कार्रवाई हमें ही करनी है। सभी को नोटिस दिए हैं एनएच 44 के पीओ, शिवेंद्रन आर ने बताया है कि एच 44 पर लखनादौन तक 55-56 अतिक्रमण चिंहित थे। सभी को पूर्व में नोटिस दिया जा चुका था। रीतेश नेमा का मामला भी इसी में शामिल है। फिलहाल कार्रवाई जारी है। रविवार तक आपको सभी नोटिस प्राप्त करने वालों की सूची उपलब्ध करा दी जाएगी।