नेशनल स्पेस डे के मौके पर भोपाल के अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मप्र के अलग-अलग जिलों की महिला जनप्रतिनिधि जियो स्पेटियल (भू-स्थानिक) कैपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग में प्रशिक्षण ले रहीं हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, एमपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, और महिला आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी शामिल हुईं। सहस्त्रबुद्धे बोले- हर CM बुलाने लायक नहीं होते, मोहन जी की शिक्षा में विशेष रुचि
प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बताते हुए मप्र भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रभारी और रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कुछ दशक पहले जब भारत ने पहले अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा था। उन यात्रियों ने अंतरिक्ष से जब इंदिरा गांधी को फोन किया तो प्रधानमंत्री ने पूछा कि वहां से कैसा लगता है भारत तो उन्होंने कहा कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। उन्होंने कहा कि दूर से तो भारत अच्छा दिखता ही है वह निकट से भी दिखे इसके लिए जो विज्ञान तंत्र को जोड़कर हमारे गवर्नर को इस देश में समावेश करने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत सरकार ने एक महत्वकांक्षी कार्यक्रम हाथ में लिया है।
विनय सहस्त्रबुध्दे इस कार्यशाला में कहा “ये बहुत अच्छी बात है अब तक इतने वर्कशॉप हुए मगर, कभी मुख्यमंत्री जी आए नहीं। ये बात अलग है कि सभी मुख्यमंत्री बुलाने लायक नहीं होते। मगर ये मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो उच्च विद्या विभूषित हैं। इनका शिक्षा से शुरु से संबंध रहा है। ये पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री थे। मैं मानता हूं कि ऐसे ज्ञान के क्षेत्र के प्रतिनिधि ऐसे हमारे मुख्यमंत्री की उपस्थिति में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।” सीएम बोले- ज्योतिष गणना के आगे आज का गणित फेल
कार्यक्रम में सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा- हम अपनी बात की शुरुआत सौर मंडल की उत्पत्ति से शुरु करते है। पृथ्वी के ग्रह मंगल को मानते हैं। कोई उल्का पिंड गिरा जिससे मंगल की उत्पत्ति हुई। पंचाग पद्धति से सभी प्रकार के ग्रह नक्षत्र आज भी सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण का समय बता पा रहे हैं। ज्योतिष गणना के बलबूते पर हमारा आज का गणित फेल है। आज से हजार साल पहले का भी तुरंत निकाल लेते है। सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण कब, कितने समय में होगा यह सटीक रुप से बता पाते हैं। सीएम ने कहा- अंतरिक्ष की बात आती है तो उपग्रह की बात आती है। उपग्रह आती है सूर्य के 29 उपग्रह हैं। लेकिन हमारे लिए पृथ्वी पर एक ही उपग्रह है। उज्जैन में साइंस टैकनोलोजी डिपार्टमेंट ने एक तारामंडल बनाया है। एक महिने के अंदर चंन्द्रमा चक्कर लगाती है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से चंद्रयान 3 की सफल लेंडिग हुई। जिसमें हमारी एक बेटी ने अपना चंन्द्रमा उतारा। जिसमें बहनों का विशेष योगदान रहा है। जिससे हमारा चंन्द्रमा चालू हो गया।