मेडिकल कॉलेज में इन दिनों पार्किंग व्यवस्था चरमराई हुई है। खुद मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टर्स इस अव्यवस्था का कारण बने हुए हैं। पार्किंग ठेका फर्म के कर्मचारियों ने बताया कि डॉक्टर सुबह 9 बजे ड्यूटी इन (पंचिंग) करने के लिए आते हैं और कुछ देर बोल कर वाहन को बीच मार्ग पर ही खड़ा कर देते हैं। इसके बाद वे कई घंटों तक वापस नहीं आते। जब उन्हें उनके कार्य स्थल पर तलाशा जाता है तो डॉक्टर वहां भी नहीं मिलते हैं। इस कारण मरीज और उनके परिजनों के वाहनों को पार्किंग में समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं ठेका फर्म के कर्मचारियों ने बताया कि डॉक्टर्स से वाहन पार्किंग में खड़ा करने पर वो भड़क जाते हैं। इस कारण हम लोग उन्हें कुछ नहीं बोलते हैं। कहीं भी खड़े होते हैं वाहन मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज को देखने पहुंचे परिजन सुरेश सिंह ने बताया कि मैं तीन दिन से लगातार मेडिकल कॉलेज आ रहा हूँ। यहां पार्किंग के नाम पर कोई भी कहीं वहां खड़ा कर देता है। इस कारण आवागमन में हम लोगों को अव्यस्था होती है। कई बार जब ठेका कंपनी के कर्मचारी से वाहन को हटाने के लिए कहा जाता है तो गाड़ी डॉक्टर साहब की है बोल कर मामले को टाल दिया जाता है। पंचिंग करके चले जाते हैं डॉक्टर पार्किंग ठेका में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि अधिकांश डॉक्टर सुबह आते हैं और पंचिंग करके वापस चले जाते हैं। इस कारण कभी कभी जल्द बाजी में वाहन बीच में ही खड़ा कर देते हैं। कई बार जब पंचिंग के लिए जाते हैं तो कुछ काम अचानक आ जाने के कारण उन्हें समय लग जाता है। इस कारण अव्यवस्था होती है।