नगरीय क्षेत्र में भवन स्वामी, प्रतिष्ठान, अस्पताल, मैरिज गार्डन, होटल आदि के संचालकों को नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राहत दी है। अब शासन ने फायर प्रमाण-पत्र के लिए फायर प्लान नहीं देने वालों पर दंड अधिरोपण की गणना को 31 दिसंबर तक शिथिल कर दिया है। तब तक नगर निगम के अग्निशमन प्राधिकारी अपने-अपने प्राधिकार क्षेत्र में विशेष अभियान चलाएंगे। वे लोगों को फायर प्लान जल्द से जल्द लेकर अनुमोदन की प्रक्रिया को पूरी कराएंगे। प्रदेश में पिछले दिनों घटित आग की घटना के बाद शासन एक्टिव मोड में आया था। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के साल 2022 में निकाले दिशा-निर्देश पर अमल कराना शुरू कर दिया था। इसमें दो महीने में फायर सेफ्टी प्लान निगम को नहीं देने पर 500 रुपए प्रतिदिन और एक साल बाद 1000 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना लगाना तय हुआ था। उक्त आदेश का कड़ाई से पालन होने पर शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, होटल, मैरिज गार्डन, विभिन्न संस्थान के मालिकों पर जुर्माना राशि लगने लगी। मंत्री और आयुक्त से मिला था प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं आयुक्त भरत यादव ने फेडरेशन ने अलग-अलग मुलाकात की थी। चेंबर के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल व सचिव दीपक अग्रवाल ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने व्यवहारिक कठिनाइयों को बताकर पेनाल्टी नहीं लगाने की बात रखी थी। तभी मंत्री ने आश्वासन दिया था।