नगर पालिका पोरसा की अध्यक्ष के खिलाफ वहां के पार्षदों ने शुक्रवार को कलेक्टर अंकित अस्थाना के सामने पहुंच कर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। बता दें कि, पार्षदों नगर पालिका पोरसा की अध्यक्ष कुसुमा देवी तथा उनके बेटे पर मनमानी करने के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के तहत वार्ड क्रमांक 13 के पार्षद हरि शरण तिवारी ने बताया कि उनके साथ में तीन महिला पार्षद और भी आईं हैं। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष कुसुम देवी द्वारा उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। पोरसा कस्बे में साफ सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता है। लोग परेशान हैं, उनकी शिकायतों को कचरे के डिब्बे में डाल दिया जाता है। जब वह अध्यक्ष से साफ सफाई तथा निर्माण कार्यों को लेकर बात करते हैं तो अध्यक्ष उनसे ठीक ढंग से बात तक नहीं करती हैं। 2 साल का समय पूरा होने पर अविश्वास प्रस्ताव पहले के नियम के अनुसार 2 साल पूरे होने तथा बहुमत होने पर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसको हटाया जा सकता है। इसलिए मुरैना जिले में पहले बानमोर की अध्यक्ष को हटाने का विश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को सौंपा जा चुका है। उसके बाद अब पोरसा नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव कलेक्टर के सामने अविश्वास प्रस्ताव के रूप में रखा गया है। 3 साल का नया नियम बता दें कि, अब नए नियम के अनुसार 3 साल बाद ही अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके साथ ही सदस्यों की संख्या भी आधे से अधिक होनी चाहिए। अब ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन ने अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन ले लिया है लेकिन कोई ठोस कदम तभी उठाया जा सकेगा जब सरकार की तरफ से कोई निर्णय हो जाए।