प्रदेश शासन के आदेशानुसार राजस्व महाभियान 2.0 के तहत रिकार्ड दुरुस्तीकरण, नामांतरण, नक्शों की तरमीम उठाने के कार्य होने हैं। इसको लेकर कलेक्टर गंभीर हैं और वे लगातार इसकी समीक्षा कर कार्रवाई भी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक दबाव में राजस्व महाभियान के तहत किए जा रहे नक्शे तरमीम के कार्य को गलत बताते हुए पटवारियों ने इस कार्य को करने से मना कर दिया है। जिसको लेकर शासन के नाम ज्ञापन देकर पटवारियों ने जबरदस्ती कार्य कराए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रांतीय पटवारी संघ जिला अध्यक्ष गिरधारी भगत की अगुवाई में पटवारियों ने ज्ञापन सौंपा है। जिला अध्यक्ष गिरधारी भगत ने कहा कि जिले में बंदोबस्त लगभग 110 साल पुराना है। लगभग 1960 -65 के आसपास जिले के कुछ ग्रामों में चकबंदी की गई थी। जिसके कारण वेबजीआईएस में नक्शा तरमीम सही नहीं हो पा रहा है। राजस्व महाअभियान के तहत वेबजीआईएस से कटे नक्शे से भविष्य में रजिस्ट्री, बंटवारे होने पर तकनीकी और व्यावहारिक समस्या आएगी। जिसके कारण विवाद बढ़ेंगे और फिर पटवारियों को दोषी बताकर उन पर कार्रवाई की जाएगी। पटवारियों की मांग है कि जिले में नवीन बंदोबस्त, भूसर्वेक्षण, नक्शा तरमीम मॉड्यूल में सुधार किया जाए। इसके बाद यह कार्य कराया जाए। बीते समय चलाए गए स्वामित्व योजना का हवाला देते हुए कहा कि जिले के 80 प्रतिशत गांवों का रकबा, खसरे के रकबे से कम या ज्यादा आ रहा है। चूंकि राजस्व महाभियान में अधिकारियों के दबाव के कारण जो नक्शा तरमीम किया जा रहा है। उसमें वेबजीआईएस से अंदाजे से नक्शा तरमीम किया जा रहा है। जिससे खसरे और नक्शा पार्सल मिलान में भिन्नता आ रही है। पटवारियों ने वेबजीआईएस से नक्शा तरमीम की कार्रवाई को पूर्णतया गलत करार देते हुए कहा कि यह सही नहीं हो रहा है। इसलिए जिले में राजस्व महाभियान के तहत पटवारी यह कार्य नहीं करेंगे और यदि दबाव में कार्य कराया जाता तो पटवारी आंदोलन पर चले जाएंगे।