नए अस्पताल में भी डॉक्टरों की कमी:आने वाले मरीजों को हो रही परेशान

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शाजापुर के जिला अस्पताल में विगत दिनों 20 करोड़ की लागत से सीएम ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण किया था। इस स्वास्थ्य केंद्र में महिलाओं और बच्चों के इलाज के लिए बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन हकीकत में यहां उपचार के लिए स्टाफ ही नहीं है। जिला अस्पताल महिला चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। जिला अस्पताल में वर्तमान में तीन महिला चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रही हैं। ओपीडी में भी महिला मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर नहीं है। गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर को दिखाने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। महिला डॉक्टर की कमी के कारण पुरुष चिकित्सक को दिखाना पड़ रहा है। बच्चों के लिए भी चिकित्सक की कमी है। चिकित्सक के अलावा स्टाफ की कमी भी इस स्वास्थ्य केंद्र में है। स्वास्थ्य केंद्र में हर रोज महिलाएं उपचार के लिए डॉक्टरों का इंतजार करती दिखाई देती हैं। महिलाएं और उनके साथ आएं परिजन चिकित्सकों के इंतजार में बैठे रहते हैं। इस स्वास्थ्य केंद्र के लोकार्पण के समय बड़े-बड़े दावे किए गए थे लेकिन हकीकत में यहां कोई व्यवस्था नहीं है। जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन ने बताया मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी सहित सभी सुविधाएं महिलाओं और बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही है। चिकित्सकों की और स्टाफ की कमी है, जिसे शीघ्र ही दूर किया जाएगा।