सागर में 13 अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजरों को नोटिस:15 दिन में मांगा नोटिस का जवाब, नहीं देने पर होगी कार्रवाई

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सागर नगर निगम क्षेत्र में अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों के खिलाफ नगर निगम ने सख्त कार्रवाई शुरू की है। जिसके चलते शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से विकसित की जा रही 13 अवैध कॉलोनियों के निर्माण की शिकायत मिलने पर नगर निगम ने अवैध कॉलोनी का निर्माण करने वाले 13 बिल्डरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। उनसे 15 दिन में नोटिस का जवाब मांगा है। निगम के अनुसार जिन 13 अवैध कालोनी विकसित करने वालों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें लंबरदार डेवलपर्स पिपरिया, श्रीराम बिल्डर एंड डेवलपर्स पार्टनर मनीष साहू, श्रीराम बिल्डर्स एंड डेवलपर्स पार्टनर अनुराग जैन, मनीष साहू, सम्राट रियल एस्टेट एंड डेवलपर्स पार्टनर अनुराग जैन, मनीष साहू, सिद्धि प्रिया एसोसिएट, अनुराग जैन, मनीष साहू, यशोदा बिहार कॉलोनी वेदांती मंदिर मरघटा से लगी हुई, रामदयाल पटेल, पार्टनर रामकुमार घोषी कनेरादेव, कैलाश यादव, संतोष जड़िया कनेरादेव, भगवानदास, फूलचंद, भवानी शंकर, सीताराम, नरेंद्र और अन्य कनेरादेव, लंबरदार डेवलपर्स पार्टनर आशीष कुशवाहा व अन्य, मेसर्स सीताराम समर्थ एसोसिएट पार्टनर भवानी शंकर कुशवाहा उदयपुरा, मेसर्स श्री एसोसिएट पार्टनर नीलेश जैन पिता राजकुमार जैन धर्मश्री, नीलेश जैन, प्रदीप जैन पड़ा, दीपक जैन सागर शामिल हैं।
जवाब नहीं देने पर कराई जाएगी एफआईआर
उक्त अवैध कालोनी विकसित करने वालों के खिलाफ नियत समयावधि में जवाब प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में कॉलोनी में किए गए सभी निर्माण हटाए जाकर नगर पालिक निगम 1956 के सुसंगत प्रावधानों के तहत दांडिक कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। निगम उपायुक्त के द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में उल्लेख किया गया है कि सहायक यंत्री, उपयंत्री द्वारा संयुक्त रूप से किए गए स्थल निरीक्षण में पाया गया है कि कॉलोनाइजरों द्वारा कॉलोनी निर्माण के लिए जरूरी कार्रवाई, दस्तावेज और निर्माण कार्य किए बिना कृषि भूमि को खंड-खंड प्लांट के रूप में विक्रय कर अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण किया गया है जो कि मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम और मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम के उपबंधों का स्पष्ट उल्लंघन है। काटी गई कॉलोनियों में नियमों का पालन नहीं किया गया। साथ ही कोई भी सुविधा और विकास कार्य नहीं किए गए हैं। इसके बाद भी प्लांट के रूप में विक्रय कर अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण किया गया है।
यह हो सकती है कार्रवाई
उक्त कृत्य मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियम 292 (ग) के उप नियम 1,2,3 व 4 के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। जिसमें उक्त अपराध के लिए 7 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है। साथ ही मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियम 292(ड) के उप नियम 2 के तहत उक्त भूखंडों का किया गया क्रय-विक्रय शून्य है। कॉलोनीनाईजरों को आदेशित किया गया है कि वह तत्काल कॉलोनी में किए जा रहे अवैधानिक विकास कार्य व प्लाटों के क्रय-विक्रय को रोकते हुए कारण दर्शित करें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई प्रचलन में लाते हुए संबंधित पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।