बारिश की वजह से जर्जर हुई भोपाल की सड़कों को पीडब्ल्यूडी ने सुधारा है। जिन सड़कों पर ज्यादा बड़े गड्ढे थे, उनमें पेवर ब्लॉक बिछाए गए हैं। शाहपुरा, आकृति ग्रीन सिटी, छोला, रविशंकर मार्केट में पहली बार गड्ढों को पेवर ब्लॉक से भरा गया। पुराने शहर में एलबीएस हॉस्पिटल के सामने की सड़क की मरम्मत भी शुरू की गई है। चीफ इंजीनियर संजय मस्के ने बताया- भोपाल में पीडब्ल्यूडी की कुल 268 सड़कें 573 किलोमीटर लंबी है। जिनमें से 400Km सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी में है। वहीं, 173 किमी सड़कें साधारण मरम्मत के अंतर्गत आती हैं। बारिश में 14 सड़कों की 22 किमी की लंबाई में करीब 523 वर्गमीटर में गड्ढे पाए गए थे। तेज बारिश थमने के बाद 6 अगस्त को जब सर्वे किया गया तो 3 प्रतिशत सड़कों में गड्ढे मिले थे। जिन्हें भरने के लिए टीम मैदान में उतर गईं। ये तकनीक अपनाई, ताकि राहत मिल सके चीफ इंजीनियर मस्के ने बताया, अबकी बार नई तकनीक से गड्ढे भरे गए हैं। जो गड्ढे ज्यादा गहरे थे, उनमें पेवर ब्लॉक रखे गए। बता दें कि शाहपुरा स्थित प्रशासनिक अकादमी के सामने करीब 15 फीट लंबाई में सड़क पूरी तरह से जर्जर हो गई थी। इसे डामर और सीमेंट क्राॅन्कीट के जरिए मरम्मत किया गया, लेकिन बारिश की वजह से फिर से सड़क जर्जर हो गई थी। इसलिए गड्ढों की पेवर ब्लॉक के जरिए मरम्मत की गई। ऐसी ही तकनीक आकृति ग्रीन सिटी, छोला, रविशंकर मार्केट समेत अन्य इलाकों की सड़कों पर भी अपनाई गई। भोपाल में निगम की 4 हजार किमी से ज्यादा सड़कें राजधानी में नगर निगम की सड़कों की तुलना में पीडब्ल्यूडी की सड़कें काफी कम है। निगम की 4 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबाई की सड़कें हैं। बारिश की वजह से निगम की सड़कों की स्थिति ज्यादा जर्जर है। निगम ने भी मुख्य सड़कों की मरम्मत कराई है, लेकिन गली-मोहल्लों की सड़कें अभी भी जर्जर है। एमपी में पीडब्ल्यूडी का 81 हजार किमी सड़कों का नेटवर्क ईएनसी आरके मेहरा ने बताया, प्रदेश में कुल 81 हजार किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क है। इसमें 9 हजार 315 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 12 हजार 568 किलोमीटर स्टेट हाईवे, 25 हजार 420 किलोमीटर मुख्य जिला मार्ग और 33 हजार 697 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। पीडब्ल्यूडी की ज्यादातर सड़कों की मरम्मत कराई गई है।