प्रदेश में 9 लाइफ सेविंग इंजेक्शन बैन किए गए हैं, की गहराई में जाकर जांच की जाएगी। आखिर क्या कारण हैं कि जिनके कारण ऐसी स्थिति बनी। इन इंजेक्शनों के विकल्पों पर विचार किया जाएगा। इसमें बैठक में मेडिकल एक्सपर्टस से चर्चा के बाद नतीजे पर पहुंचेंगे। यह बात प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने गुरुवार शाम को इंदौर में कही। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच, बैठक, विकल्प और आदेश पर चर्चा हुई है। जल्दी नतीजे पर पहुंचेगे। पश्चिम बंगाल की घटना को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और उसके आसपास के सुनसान इलाके जहां आवाजाही कम होती है वहां सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे। सुरक्षा में कसावट लाई जाएगी। दरअसल उप मुख्यमंत्री विधायक रमेश मेंदोला के दिवंगत पिता स्व. चिंतामणि मेंदोला को श्रद्धांजलि देने उनके निवास पर आए थे। उनके साथ उप मुख्यमंत्री जगदीश देवडा, परिवहन और स्कूली शिक्षा मंत्री उदयप्रतापसिंह, अनुसूचित जाति विकास मंत्री नागरसिंह चौहान, अन्य ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। आईसीयू, ओटी के डॉक्टरों ने फीडबैक दिया कि असरकारक नहीं हैं इंजेक्शन्स उधर, 9 इंजेक्शन के मामले में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सुपरिटैंडैंट डॉ. सुमित शुक्ला ने बताया कि ये आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर में उपयोग किए जाने वाले इंजेक्शन्स हैं। इन दोनों यूनिट्स के डॉक्टरों द्वारा लगातार यह फीडबैक दिया जा रहा था कि एक इंजेक्शन देने से जो असर आना चाहिए उतना आ नहीं रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि दो से तीन इंजेक्शन भी देने पड़ रहे हैं इसलिए शिकायत की गई। इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। इनमें से दो की रिपोर्ट घटिया क्वालिटी की आई है।